इंदौर। नगर निगम में जो फर्जी बिल महाघोटाला उजागर हुआ, उसमें जहां नित नए खुलासे तो हो रहे हैं, वहीं नई फर्मों की जानकारी भी लगातार सामने आ रही है। अग्निबाण लगातार नई फर्मों के साथ-साथ इस महाघोटाले से जुड़े कई तथ्यों का खुलासा करता रहा है। इसी कड़ी में कुछ और नई जानकारी सामने आई है, जिसमें मातोश्री कंस्ट्रक्शन, एनएन एंड ए एसोसिएट्स के साथ-साथ केजीएन और हनी इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी फर्मों के भी नामों का खुलासा हुआ। अब निगम इनकी फाइलों के साथ-साथ कितना भुगतान हुआ उसकी जानकारी जुटा रहा है। नतीजतन 16 फर्मों से ज्यादा संख्या हो गई, तो महाघोटाले का आंकड़ा भी अब 150 करोड़ पार नजर आ रहा है। वर्तमान निगम प्रशासन के साथ-साथ इस महाघोटाले की जांच में जुटी पुलिस भी भौंचक है कि आखिर कितनी फर्जी फर्में बनाकर निगम खजाने को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है। आरोपियों की सम्पत्ति की सूची बनाकर अब जब्ती-कुर्की की प्रक्रिया भी शुरू होगी।
अभी अग्निबाण ने निगम के चर्चित बेलदार असलम खान से जो कनेक्शन उजागर किया था, वह सही साबित हुआ। उसके सगे भाई, मां सहित अन्य रिश्तेदारों और कर्मचारियों के नाम पर ये नई फर्में पता चली हैं। इतना ही नहीं, कुछ समय पहले साढ़े 5 करोड़ रुपए के खरीदे गए पेट्रोल पम्प का भी भंडाफोड़ हुआ। यह पम्प असलम की पत्नी राहेला खान और भाई मोहम्मद एहतेशाम उर्फ एजाज खान के नाम पर खरीदा गया है। ऐसी तमाम चल-अचल सम्पत्तियों की चल-अचल सम्पत्तियों की जानकारी पुलिस विभाग ने भी जुटाई है। डीसीपी झोन क्र.-3 पंकज पांडे के मुताबिक अभी तक नगर निगम, आरोपियों से की गई पूछताछ और विभिन्न स्त्रोतों से जिन सम्पत्तियों की जानकारी सामने आई है उनको कोर्ट के जरिए कुर्क करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। कल तक पुलिस की गिरफ्त में आए निगम के कार्यपालन यंत्री अभय राठौर की रिमांड भी कल खत्म हो रही है। उससे लगातार की जा रही पूछताछ में भी कुछ तथ्य सामने आए हैं। हालांकि वह अपनी ओर से कोई भी अतिरिक्त जानकारी नहीं दे रहा, बल्कि पुलिस को जो सबूत मिल रहे हैं उसके आधार पर पूछताछ में वह स्वीकार करता है।
दूसरी तरफ अग्निबाण को सूत्रों से कुछ और नई फर्मों की भी लिप्तता की इस महाघोटाले में होने की जानकारी मिली है, जिसमें एक फर्म एनएन एंड ए एसोसिएट है, जिसके प्रोप्राइटर नईम खान बताए जाते हैं, तो इसी तरह एक और फर्म मातोश्री कंस्ट्रक्शन का भी पता चला है, जिसके प्रोप्रा. कोई श्रीकांत भंवर हैं। इसी तरह पिछले दिनों एक फर्म आरएस इंटरप्राइजेस का खुलासा हुआ था। यह फर्म राजेन्द्र शर्मा बालदा कॉलोनी निवासी की बताई जाती है, जिन्हें रिम्पी शर्मा के नाम से भी जाना जाता है और यह भी एजाज खान के कर्मचारी बताए गए हैं। इसी तरह एक और नई फर्म केजीएन इन्फ्रास्ट्रक्चर की जानकारी सामने आई है, जिसके प्रोप्राइटर वली फेजान शेख निवासी 87, नया पीठा, बॉम्बे बाजार है। इसी तरह एक और अन्य फर्म हनी इन्फ्रास्ट्रक्चर का भी खुलासा हुआ, जिसके प्रोप्राइटर शाएबान शेख, जो कि वली फेजान के ही भाई हैं और उनका भी पता 87, नया पीठा है। अब नगर निगम इन नई फर्मों की जानकारी भी जुटा रहा है। इस पूरे महाघोटाले से यह भी पता चल रहा है कि चंद ठेकेदारों ने इस तरह नई-नई फर्में बनाकर अपने रिश्तेदारों, परिचितों और कर्मचारियों को शामिल किया और नगर निगम में फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपए हड़प लिए। अब 16 से अधिक फर्जी फर्मों की जानकारी सामने आ चुकी है, तो महाघोटाला भी 150 करोड़ और उससे अधिक पार हो रहा है। दूसरी तरफ निगम 15 साल का लेखा-जोखा तैयार करने में जुटा है, जो शासन की उच्चस्तरीय जांच कमेटी को सौंपा जाना है।
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