नई दिल्ली (New Delhi)। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार (CM Arvind Kejriwal Gvt) ने फिर मुख्य सचिव पर आरोप लगाया है। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि मुख्य सचिव ने मेटामिक्स कंपनी (Metamix Company) को बिना निविदा के आईएलबीएस अस्पताल के लिए एआई सॉफ्टवेयर बनाने का काम दिलाया। आरोपों पर पलटवार करते हुए आईएलबीएस अस्पताल ने इन्हें पूरी तरह झूठा बताया। अस्पताल ने कहा कि इसके लिए वर्क ऑर्डर या भुगतान नहीं किया गया था।
दिल्ली सरकार की सतर्कता मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को एक बार फिर मुख्य सचिव की घेराबंदी की है। उन्होंने मुख्य सचिव नरेश कुमार पर मेटामिक्स कंपनी को बिना टेंडर के आईएलबीएस अस्पताल के लिए एआई सॉफ्टवेयर बनाने का काम दिलाकर मुनाफा कमाने का आरोप लगाया है।
रिपोर्ट की मानें तो जमीन अधिग्रहण के बदले अधिक मुआवजे के मामले की शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें जांच के आदेश दिए थे। वह उसकी जांच कर रही थी, उसी समय पता चला कि मुख्य सचिव के बेटे एक और आईटी कंपनी के संस्थापक निदेशक हैं। उस कंपनी को लेकर जांच की गई तो पता चला कि उस कंपनी के पास आईएलबीएस अस्पताल के लिए एआई सॉफ्टवेयर बनाने का काम दिया गया है। जनवरी 2023 में अस्पताल व मेटामिक्स के बीच समझौता हुआ।
प्राथमिक जांच रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि मेटामिक्स नाम की जिस कंपनी को काम दिया गया, वह बीते साल मुख्य सचिव की नियुक्ति होने के बाद बनाई गई। कंपनी कुछ महीने पुरानी थी और उसके पास सॉफ्टवेयर या एआई टूल्स बनाने की कोई विशेषज्ञता नहीं है।
लीवर एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) ने बिना निविदा के मुख्य सचिव के बेटे को काम देने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। आईएलबीएस के मुताबिक, एआई सॉफ्टवेयर कंपनी मेटामिक्स से एक शोध कार्य के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे, लेकिन उसे कोई कार्य आदेश (वर्क ऑर्डर) या भुगतान नहीं किया गया है। आईएलबीएस के ऑपरेशन प्रमुख (नॉन मेडिकल) रिटायर्ड कर्नल लेफ्टिनेंट आर. एस. सिंह ने कहा कि मीडिया में प्रचारित खबरें गलत हैं। 24 जनवरी 2023 को एक समझौता मेटामिक्स के साथ हुआ। हालांकि, इसे लेकर भुगतान नहीं किया गया। यह समझौता गत 23 जुलाई 2023 को खत्म हो चुका है। यह प्रस्ताव मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली आईएलबीएस की गवर्निंग काउंसिल के सामने नहीं रखा गया था।
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