उज्जैन (Ujjain)। वैसे तो आपने अब तक सुना है कि बाबा महाकाल (Baba Mahakal) अकाल मृत्यु के भय को समाप्त करते हैं। लेकिन देश के वैज्ञानिक (Scientist) अंतरिक्ष (space) में भारत की शक्ति को बढ़ाने (enhance the power of India) और पूरे विश्व में भारत को सर्व शक्तिमान बनाने के लिए अंतरिक्ष में एक सैटेलाइट (Mahakal Satellite) स्थापित करने वाले हैं, जो कि बाबा महाकाल के नाम पर रहेगी। अंतरिक्ष में इस सैटेलाइट को पूर्ण सफलता मिले, इसीलिए केरल राज्य की राजधानी तिरुअनंतपुरम में एक शताब्दी प्रपंच यज्ञ का आयोजन भी किया गया है, जिसमें शामिल होने पहुंचे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस. सोमनाथ (S. Somnath) ने यह बात पूजन-अर्चन और यज्ञ में आहुति देने के बाद कही।
इस यज्ञ के प्रमुख आचार्य महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित रमन त्रिवेदी थे, जिनके साथ ही पूरे भारत वर्ष के 1100 ब्राह्मणों और चार वेदों के आचार्य द्वारा यज्ञ किया गया। महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित रमण गुरु ने बताया, वैज्ञानिक श्रीधर की कामना है कि अंतरिक्ष में भारत की शक्ति और बढ़े, साथ ही भारत विश्व का शक्तिमान बने। इसलिए महाकाल के नाम से सैटेलाइट स्थापित किया जाएगा।
इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा…
इंडियन रिसर्च इंस्टीट्यूट के चेयरमैन वैज्ञानिक सोमनाथ श्रीधर पणिकर ने सपरिवार सहित पूजन-अर्चन कर हवन में आहुति प्रदान की। बताया जाता है कि मां पूर्णा मिकाव के आंगन मे जनकल्याण और भारत को अंतरिक्ष में सर्व शक्तिमान बनाने के लिए किया जा रहा है। इस यज्ञ में इसरो चेयरमैन सोमनाथ श्रीधर पणिकर, केंद्रीय फिशरिज, एनिमल, डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, माता सिन्हा गायत्री देवी, शैलेंद्र व्यास का शाल, श्रीफल और मोमेंटो द्वारा केरल के पारम्परिक वाद्य यंत्रों की मंगल ध्वनि के मध्य मंत्रोचार से विशिष्ट अभिनंदन किया। इस अवसर पर आयोजन समिति की प्रमुख जीन्हा गायत्री, महर्षि पंडित रमन त्रिवेदी, समाहित पुजारी (उज्जैन), दिनेश शर्मा पुजारी, अजय पुजारी (बगलामुखी), बंटी दीक्षित (ओंकारेश्वर) विशेष रूप से उपस्थित रहे।
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