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    भाजपा संगठन चुनाव में अब जिलाध्यक्ष की बारी

  • December 16, 2024

    • पहले रायशुमारी, जरूरत पड़ी तो लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव

    उज्जैन। भाजपा संगठन में बूथ और मंडल अध्यक्ष का निर्वाचन होने के बाद जिलाध्यक्ष (नगर-ग्रामीण) के चुनाव की बारी हैं। इसमें तय किया हैं कि पहले रायशुमारी के आधार पर ही नाम तय किया जाएगा, जरूरत पड़ी तो लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराएं जाएँगे। इसमें किसी तरह का दबाव, भेदभाव होना चाहिए।



    भाजपा ने संगठन चुनाव के दूसरे चरण की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसके तहत अब तक मंडल अध्यक्षों का निर्वाचन आम सहमति के साथ हो चुका है। अब तीसरे चरण में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जानी है जिसमें न दबाव, न भेदभाव का फॉर्मूला अपनाया जाएगा। गौरतलब है कि पहले चरण में बूथ स्तरीय समितियों का गठन किया गया। फिर मंडल स्तरीय समितियों के चुनाव हुए। अब जिले के अध्यक्ष का निर्वाचन सम्पन्न होगा। संगठन चुनाव को लेकर पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि पदाधिकारियों की नियुक्ति में न दबाव चलेगा और न ही सिफारिश। जिलाध्यक्ष की नियुक्ति परफॉर्मेंस के आधार पर होगी। इसके लिए पहले रायशुमारी कराई जाएगी, अगर जरूरत पड़ी तो लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराए जाएँगे। भाजपा हर तीन साल में अपने संगठन और अध्यक्ष में बदलाव करती है। यह बदलाव चुनाव या फिर रायशुमारी के आधार पर होते हैं और कहीं-कहीं सर्वसम्मति भी बन जाती है। इस बार 60 साल से अधिक उम्र के नेता जिला अध्यक्ष नहीं बन पाएँगे। भाजपा संगठन चुनाव की बैठक में इनके चयन का क्राइटेरिया तय हो गया है।

    संगठन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी
    भाजपा महिला वोटर्स पर अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहती। अब आगे संगठन चुनाव में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। जिलाध्यक्ष के साथ ही संगठन में विभिन्न पदों पर महिलाओं को अधिक से अधिक अवसर देने की तैयारी चल रही है। वहीं भाजपा के संगठनात्मक जिलों में आरक्षण जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन पार्टी आरक्षित-गैर आरक्षित क्षेत्र में नया प्रयोग कर रही है। पार्टी नेताओं का विचार है कि आरक्षित क्षेत्रों में पंचायत से लेकर विधायक या सांसद तक के सारे पद आरक्षित रहते हैं। ऐसे में वहां सामान्य वर्ग के कार्यकर्ताओं के समायोजन के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं है। यही वजह है कि पार्टी आरक्षित क्षेत्र (विधानसभा-लोकसभा) में आने वाले नगर-जिलों में सामान्य वर्ग और गैर आरक्षित क्षेत्रों में एससी-एसटी, पिछड़ा वर्ग को अवसर दिया जाए। ऐसा कर पार्टी समानता और सभी के सम्मान का संदेश देना चाहती हैं।

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