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    फर्जी रिव्यू लिखवाने वाली कंपनियों की अब खैर नहीं, भारत ने तय किए मानक

  • November 22, 2022

    नई दिल्ली। ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping), होटल बुकिंग (Hotel Booking), ट्रेवल बुकिंग (Travel Booking) और रेस्टोरेंट के खाने व सर्विस से जुड़े किसी प्रोडक्ट के बारे में फर्जी रिव्यू (Fake review about the product) लिखने या लिखवाने वाली कंपनियों की अब खैर नहीं है। भारत मानक ब्यूरो (बीआईएस) (Bureau of Indian Standards (BIS)) ने किसी सामान या सर्विस का रिव्यू करने के लिए मानक तय किए हैं। यह मानक 25 नवंबर से लागू हो जाएंगे।

    केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार ने इन मानकों को जारी करते हुए कहा कि शुरुआत में यह सभी मानक स्वैच्छिक होंगे। हम उम्मीद करते हैं कि सामान की समीक्षा करने वाले सभी लोग और कंपनियां इन मानकों का पालन करेंगी। पर इसके बावजूद भी शिकायत मिलती है, तो इन्हें अनिवार्य किया जा सकता है।


    मानक बनाने वाला पहला देश बना भारत
    रोहित कुमार ने कहा कि भारत पहला देश है, जिसने प्रोडक्ट या सर्विस के रिव्यू लिखने के लिए मानक बनाए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन मानकों (स्टैंडर्ड) के लागू होने के बाद ई कॉमर्स कंपनियां अब फेक और पेड रिव्यू नहीं करवा पाएंगी। उपभोक्ता सचिव ने कहा कि रिव्यू के लिए इन सभी मानकों का पालन करते हुए कंपनी को बीआईएस में सत्यापन के लिए आवेदन करना होगा। इसके बाद बीआईएस एक सर्टिफिकेट जारी करेगा। इसके बाद कंपनी अपनी वेबसाइट पर उल्लेख कर सकती है।

    मानकों का पालन नहीं तो जुर्माना
    उन्होंने कहा कि कंपनी को यह बताना अनिवार्य होगा कि वह रिव्यू के आधार पर किसी प्रो़डक्ट को स्टार कैसे देती है। अभी तक यह साफ नहीं है कि यह दैनिक, साप्ताहिक या एक वर्ष में मिलने वाले रिव्यू के आधार पर तय किया जाता है। रोहित कुमार ने कहा कि कोई कंपनी मानकों का पालन नहीं करती है और फर्जी रिव्यू के जरिए सामान बेचने की कोशिश करती है, तो वह मामला अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस के दायरे में आएगा। इसमें कंपनियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

    यह पूछे जाने पर कि कोई कंपनी किसी प्रोडक्ट के बारे में उपभोक्ता के खराब रिव्यू को वेबसाइट पर नहीं डालती है, तो उपभोक्ता के पास क्या अधिकार होगा। सचिव ने कहा कि उपभोक्ता हेल्पलाइन व दूसरे माध्यम के जरिए शिकायत कर सकता है। दरअसल, अप्रैल से अक्तूबर के दौरान उपभोक्ताओं के अधिकारों से जुडी शिकायतों में पचास फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है। इस ई कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ भी बड़ी तादाद में शिकायत हैं। इसलिए, सरकार ने रिव्यू के लिए मानक बनाए हैं।

    क्या होते हैं रिव्यू
    ई कॉमर्स वेबसाइट पर उत्पाद को छूकर देखने का विकल्प नहीं होता है। ऐसे में ज्यादातर उपभोक्ता उत्पाद को लेकर खरीदारों या किसी सामान के बारे में रिव्यू लिखने वाली वेबसाइट पर भरोसा करते हैं। जिस सामान की रिव्यू बेहतर होते हैं, उपभोक्ता उस प्रोडक्ट को खरीदना पसंद करते हैं। इसलिए, रिव्यू अहम भूमिका निभाते हैं।

    फर्जी रिव्यू
    कई कंपनियां उपभोक्ताओं या प्रोडक्ट का रिव्यू करने वाली कंपनियों को पैसे देकर फर्जी रिव्यू करवाती हैं। ताकि, उस प्रोडक्ट को ज्यादा से ज्यादा लोग खरीद सके। वहीं, कई कंपनियां अपनी विरोधी कंपनी के बारे में खराब फर्जी रिव्यू लिखवाकर उसे नुकसान पहुंचाती है। मंत्रालय को कई ऐसी शिकायत मिली हैं।

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