उज्जैन। देश में जल्द ही अब इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस नए स्वरूप में मिलेगा। यह 12 पेज की एक डायरी के रूप में होगा। इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने प्रारूप तैयार किया है। अभी भी यह लाइसेंस डायरी के रूप में ही मिलते हैं, लेकिन इसमें दर्ज जानकारियों को बेहतर किया गया है, वहीं पहली बार लाइसेंस से जुड़ी सभी जानकारी को विदेशों में संबंधित अधिकारी इस पर दर्ज क्यूआर कोड को स्कैन कर चेक कर सकेंगे। अब तक जानकारी को चेक करने की कोई व्यवस्था मौजूद नहीं थी, जिसके कारण लाइसेंस लेकर जाने वाले लोगों को अक्सर काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। भारत से बड़ी संख्या में लोग विदेशों में रह रहे हैं। इनमें स्टूडेंट्स से लेकर नौकरीपेशा भी शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर लोग भारत में अपना ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर ही वीजा और पासपोर्ट के आधार पर अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस भी प्राप्त बनवा लेते हैं, जिससे वे विदेशों में भी वाहन आसानी से वाहन चला पाते हैं।
वाहन पोर्टल पर दर्ज होगी लाइसेंस से जुड़ी सारी जानकारी
अधिकारियों ने बताया कि देश में अब लाइसेंस के लिए सेंट्रल सर्वर पर वाहन पोर्टल बनाया गया है। ऐसे सभी लाइसेंस अब वाहन पोर्टल के माध्यम से ही बनेंगे और इनकी सभी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध होगी। इसी ऑनलाइन जानकारी की लिंक को एक क्यूआर कोड के रूप में लाइसेंस पर प्रिंट किया जाएगा, जिसे स्कैन करते ही वाहन पोर्टल पर संबंधित लाइसेंसधारक की जानकारी को देखा जा सकेगा। इसके बाद अब आवेदकों को अपने लाइसेंस के साथ सर्टिफिकेट रखने की जरूरत नहीं होगा।
प्रिंटेड लाइसेंस होना भी जरूरी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि शासन ने जो नई व्यवस्था बनाई है, वो बहुत ही बेहतर है, लेकिन लाइसेंस पर हाथ से लिखी जानकारी होने पर अक्सर संदेह की स्थिति बनती है। ऐसे में बेहतर है कि भले ही लाइसेंस डायरी के रूप में हो, लेकिन उस पर सभी जानकारी प्रिंट की जाए। इससे उसकी विश्वसनीयता और ज्यादा बढ़ेगी।
दो से तीन माह में देश में लागू होगी व्यवस्था
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस का नया प्रारूप जारी किया है, जिसमें पहली बार इसकी सभी जानकारी को क्रासचेक करने के लिए क्यूआर कोड की भी व्यवस्था की गई है। इसे लेकर शासन ने ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। दो से तीन माह में इसे देश में लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस लेकर जाने वाले भारतीयों को विदेशों में परेशानी नहीं होगी।
संतोष मालवीय, आरटीओ उज्जैन
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