केन्द्र सरकार ने किए कई महत्वपूर्ण बदलाव, नई टैक्स कर प्रणाली को अब डिफॉल्ट बनाया, मिलने वाली छूटों पर भी फर्जी क्लेम लेना नहीं हो पाएगा संभव
इंदौर। इलेक्ट्रल बॉण्ड (electrical bond) घोटाले (Scams) के उजागर होने के चलते राजनीतिक दलों (political parties) को दिए जाने वाला चंदा (donations) भी चर्चा में आ गया, तो दूसरी तरफ केन्द्र सरकार (central government) ने आयकर रिटर्न (income tax) फॉर्म में जो महत्वपूर्ण बदलाव किए उसमें जहां नई टैक्स (new tex) कर प्रणाली को डिफॉल्ट बना दिया, वहीं पुरानी कर प्रणाली के अंतर्गत जो आयकर दाता टैक्स भरना चाहते हैं उनके लिए छूट प्राप्त करने की जानकारियों को भी विस्तृत कर दिया, तो राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे की जानकारी भी रिटर्न फॉर्म में मांगी गई öै।
टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर और सीए ब्रांच इंदौर के संयुक्त तत्वावधान में आयकर रिटर्न फॉर्म में हुए महत्वपूर्ण परिवर्तनों के संबंध में इंदौर में एक सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स प्रैक्टिशनर उपस्थित रहे। वहीं आश्रितों के चिकित्सा पर होने वाले खर्च की छूट के लिए भी विस्तृत जानकारी अलग से चाही गई है। इसका असर यह होगा कि अब इन छूटों के बाबत कोई फर्जी क्लेम करना संभव नहीं हो पाएगा। आयकर विभाग के पास करदाता से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ उपलब्ध है, यदि कोई भी करदाता इन जानकारी को अनदेखा करते हुए अपना रिटर्न भरता है तो उसे नोटिस आने की पूरी पूरी संभावना रहती है। व्यक्तिगत करदाता जो ऑडिट करवाते हैं, अब उन्हें अपना आयकर रिटर्न जमा करवाने के लिए डिजिटल सिग्नेचर की आवश्यकता नहीं होगी, वह आधार नंबर पर ओटीपी के जरिए भी रिटर्न को सत्यापित कर सकते हैं। इस वर्ष एमएसएमई के अंतर्गत रजिस्टर्ड इकाइयों को 45 दिनों में भुगतान करने की अनिवार्यता धारा 43 बी के अंतर्गत आयकर कानून में डाली गई है इसका व्यापक असर इस बार के इनकम टैक्स रिटर्न में देखने को मिलेगा।
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