इंदौर (Indore)। इंदौर-उदयपुर वीरभूमि एक्सप्रेस (Indore-Udaipur Virbhoomi Express) पहली बार 15 फरवरी से एलएचबी रैक (LHB Rack) से चलाई जाएगी। जर्मन आधारित तकनीक एलएचबी यानी लिंक हाफमन बुश (link huffman bush) से न केवल ट्रेन की औसत गति बढ़ सकेगी, बल्कि प्रति कोच यात्री क्षमता भी बढ़ जाएगी। इसके अलावा आईसीएफ कोच की तुलना में एलएचबी रैक ज्यादा सुरक्षित होते हैं, क्योंकि किसी दुर्घटना की स्थिति में ये कोच एक-दूसरे पर चढ़ते नहीं हैं।
इस ट्रेन के रैक बदले जा रहे हैं, लेकिन कोच संख्या में बदलाव नहीं होगा। ट्रेन में फिलहाल 22 कोच हैं और वही रहेंगे। एलएचबी रैक मिलने के बाद वीरभूमि एक्सप्रेस का रैक लिंक इंदौर-गांधीनगर शांति एक्सप्रेस से खत्म हो जाएगा और वीरभूमि एक्सप्रेस का रैक शेयरिंग अब इंदौर-पुणे सुपरफास्ट ट्रेन से होगा।
ज्यादा सुरक्षित होते हैं एलएचबी कोच
– एलएचबी कोच ज्यादा सुरक्षित होते हैं। दुर्घटना की स्थिति में ये एक-दूसरे पर चढ़ते नहीं हैं, बल्कि पलट जाते हैं। इससे जनहानि कम होती है।
– आईसीएफ कोच 110 कि.मी. प्रतिघंटा से चलाए जा सकते है, वहीं एलएचबी कोच 160 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से दौड़ते हैं।
– एलएचबी कोच ज्यादा हल्के होते हैं, क्योंकि ये स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं। इससे ये तेज गति में चलने में सक्षम होते हैं।
– एलएचबी कोच में आवाज 40 प्रतिशत तक होती है।
– कोच की क्षमता 80 और थर्ड एसी की यात्री क्षमता 72 होती है।
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