इन्दौर। सफाई में छठी बार नंबर वन आने के बाद अब इंदौर ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार के लिए भी दावा प्रस्तुत किया है और इसी के चलते तमाम कागजातों के साथ दिल्ली में मामला भेजा गया है। पिछले दिनों इंदौर में 286 कुएं, बावडिय़ों की सफाई के साथ-साथ 25 से ज्यादा छोटे-बड़े तालाबों की नई चैनल बनाने के साथ-साथ एक लाख से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए हैं।
11 एसटीपी शहर में अलग- अलग स्थानों पर बनाए गए हैं और वहां हर रोज बड़ी मात्रा में ड्रेनेज का पानी साफ कर उसे रियूज किया जा रहा है। इसके लिए कई क्षेत्रों में लाइन बिछाने के साथ-साथ हाइड्रेंट भी बनाए गए हैं, जहां से लोगो को नि:शुल्क पानी उपलब्ध कराया जाता है। गाडिय़ों के सर्विस सेंटर वालों के लिए भी नि:शुल्क रूप से पानी हाइड्रेंटों पर मिल रहा है। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक आने वाले समय में एसटीपी के साथ-साथ हाइड्रेंटों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
इसके अलावा एक लाख से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम शहरभर में लगाए गए हैं और यह अभियान अभी भी जारी है। बारिश का पानी तालाबों में भेजने के लिए वषों पुरानी चैनल और नई चैनलों का निर्माण किया गया, वहीं कई विलुप्त हो चुके कुए-बावडिय़ों का जीर्णोद्धार कर वहां के पानी का उपयोग रहवासी संघों के माध्यम से किया जा रहा है। अब राष्ट्रीय जल पुरस्कार के लिए निगम ने दावा प्रस्तुत किया है। इसमें 3 कैटेगरी के पुरस्कार हैं। केंद्रीय जल बोर्ड द्वारा इन पुरस्कारों का चयन किया जाता है।
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