नई दिल्ली। भारत(India) अब सैनिक साज़ोसामान (Military equipment) के सबसे बड़े खरीददार (biggest buyer) से सबसे बड़ा निर्माता (largest producer) बनने की तरफ़ बड़ा कदम उठा रहा है. रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने 108 ऐसे आइटमों की सूची जारी की है जिन्हें अब केवल देश की कंपनियों (Indian Defense Companies) से ही लिया जा सकेगा. देश को रक्षा के साज़ोसामान (Military equipment) के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की तरफ ये एक बड़ा कदम है.
भारतीय रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने पिछले साल अगस्त में 101 आइटमों की पहली सूची जारी की गई थीं, जिन्हें अब केवल देश में ही खरीदा जा सकेगा. सोमवार को जारी दूसरी सूची में 2021 से लेकर 2025 तक हर साल कुछ आइटमों को शामिल किया गया है. रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की ये बड़ी घोषणा है.
इस सूची के मुताबिक दिसंबर 2021 यानी इस साल के अंत के बाद 3.5 टन वजन तक की क्षमता वाले सभी हेलीकॉप्टरों की खरीद केवल देश के अंदर से ही हो सकेगी. इसके अलावा बख्तरबंद गाड़ियां, मिनी यूएवी, एंटीटैंक गाइडेड मिसाइल, चौकसी करने और नजर रखने के सिस्टम, ज़मीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल, दीवार के आरपार देखने वाले रडार जैसे बड़े और आधुनिक साज़ोसामान भी केवल देशी कंपनियों (Indian Defense Companies) से ही खरीदे जाएंगे.
सरकार की योजना के अनुसार वर्ष 2022 के अंत तक बहुत ऊंचे पहाड़ों पर पहनने वाले कपड़े और उपकरण, रात और दिन में दूर तक देखने वाली दूरबीन और अलग-अलग तरह के रॉकेट इस सूची में शामिल हो जाएंगे. इसी समय से जमीन के बहुत नीचे लगाई गई सुरंगों का पता लगने वाले सेंसर भी केवल देश में काम कर रही कंपनियों से ही खरीदे जाएंगे.
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