-शुरू होने वाले अनुबंध में फेट प्रणाली का जिक्र अनिवार्य किया, लाइसेंस भी अनिवार्य
इन्दौर। पिछले दिनों सभी दूध (milk) विक्रेताओं (vendors) को फेट (fat) के माध्यम से दूध बेचने के लिए कलेक्टर (collector) ने आदेश जारी किए थे, लेकिन अभी भी कई विक्रेताओं के यहां मशीनें नहीं लगी हैं। इसको लेकर इन्दौर दूध विक्रेता संघ (indore milk sellers association) की बैठक भी हुई, जिसमेें निर्णय लिया गया कि अब नए अनुबंधों में दूध विक्रेता और क्रेता दोनों ही मावा (mawa) छोड़कर फेट प्रणाली से क्रय- विक्रय करेंगे।
इन्दौर दूध विक्रेता संघ की कल बैठक हुई। बैठक में अब दूध को फेट प्रणाली से खरीदने पर दूध उत्पादकों ने सहमति जताई है। दूध विक्रेता संघ के अध्यक्ष भरत मथुरवाला ने बताया कि कलेक्टर के निर्णय के बाद दूध बेचने वाले तो अपने पास फेट मापने की मशीनें रखना अनिवार्य कर लिया गया है। अभी तक कई दूध उत्पादक और विक्रेता मावा प्रणाली से ही दूध का क्रय-विक्रय करते हैं, लेकिन इस नियम को अनिवार्य रूप से लागू करने के बाद अब सभी को मशीन रखना अनिवार्य है। चूंकि इन दिनों में दूध विक्रेता और उत्पादको के बीच अनुबंध होते हैं, इसलिए इन्दौर दूध विक्रेता संघ ने बैठक कर सभी को इस बैठक के माध्यम से बताया कि अब बिना फेट प्रणाली के दूध नहीं खरीदा जाएगा। इसके लिए सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर लें। उन्होंने यह भी बताया कि 500 लीटर से कम वाले दूध उत्पादक अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें और उससे ज्यादा के दूध उत्पादक व्यवसाय करने का लायसेंस भी बनवा लें, क्योंकि इस संबंध में हाईकोर्ट ने भी निर्देश जारी कर दिए हैं। मथुरवाला ने बताया कि दूध का ग्रामीण क्षेत्रों में अनुबंध किया जाएगा और हाईकोर्ट के निर्देशानुसार प्रत्येक जिले की सीमाओं पर दूध का फेट मापने की मशीन स्थापित करने के लिए भी कहेंगे।