भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नैचुरल गैस आधारित इकोनामी सीजीडी (सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन) को बढ़ावा देने की कड़ी में अब प्रदेश से लेकर जिलों तक तेजी से काम होगा। प्रदेश में उच्च स्तरीय कमेटी बनने के बाद अब जिलों में नैचुरल गैस का मैदान मजबूत किया जाएगा। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने इसको लेकर तैयारी भी शुरू कर दी है। अब यह तैयारी है कि जो नई कालोनी बसेगी, उसमें कालोनाइजर को पाइप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी)का नेटवर्क देना होगा तभी कालोनी की मंजूरी मिलेगी। वहीं कंप्रेस्ड नैचुरल गैस के डिस्ट्रीब्यूशन को कोई भी ले सकेगा। इसके लिए कलेक्टर जमीन को लीज पर भी देंगे और निजी जमीन पर भी सीएनजी डिस्ट्रीब्यूशन किया जा सकेगा। अब सीएनजी पंप लगाना हर किसी की जद में होगा।
अभी तक लिमिटेड कंपनी ही इसके वितरण में हैं और सरकार का ध्यान नहीं था। अब सभी जिलों में कलेक्टर्स की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। सीजीडी नेटवर्क के तहत पाइप्ड और कंप्रेस्ड नैचुरल गैस को बढ़ावा देने कमेटियों के गठन के बाद अब इसे लागू कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता होगी। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को इसे लेकर विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं जो उच्च स्तरीय कमेटी बनी है उसमें कई विभागों के प्रमुख सचिवों को शामिल किया गया है। जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटियां जल्द सक्रिय होंगी, जिनमें अन्य विभागों के अधिकारी भी शामिल हैं।
सभी जिलों में होगा लागू
सीजीडी नेटवर्क के तहत राज्य शासन सकुर्लर जारी करेगा और सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देशित करेगा कि पीएनजी नेटवर्क के बिना नई कालोनियों की बसाहट नहीं की जाएगी। इसमें निर्माण एजेंसियों जैसे विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड को भी सतर्क किया। पीएनजी और सीएनजी का वितरण लेने के लिए आम आदमी पात्र होगा और निजी जमीन के साथ सरकारी जमीन पर भी पंप यूनिट लगाने का अवसर मिलेगा। सरकारी जमीन को कलेक्टर लीज पर दे सकेंगे, आवेदक से अनुबंध भी होगा। अभी तक पीएनजी और सीएनजी में वितरण कंपनियों की मोनोपाली थी, लेकिन अब कोई भी इसमें वितरक बन सकता है। पहले सरकार का इसमें दखल नहीं था और कंपनी अपने स्तर पर कार्य करती रहती थीं। नए पंप या यूनिट के लिए आनलाइन आवेदन की सुविधा है, जिसमें 15 दिन का समय नियत किया गया है। अगर सभी संबंधित विभागों से समयसीमा में एनओसी नहीं आती है तो 16वें दिन स्वत ही एनओसी मान ली जाएगी।
इनका कहना है
नैचुरल गैस को बढ़ावा देने की दिशा में अब सीजीडी नेटवर्क के तहत कार्य किया जा रहा है। जिलों में कमेटी गठित की गई हैं। नई कालोनी बसने से पहले पीएनजी नेटवर्क होना आवश्यक है। निजी क्षेत्र में पीएनजी-सीएनजी का वितरण, लीज पर जमीन और जल्द स्वीकृति जैसे विकल्प दिए जा रहे हैं।
सीएस जादौन, ज्वाइंट डायरेक्टर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति,भोपाल
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved