नई दिल्ली: राजस्थान के जयपुर (Jaipur of Rajasthan) में 9 दिवसीय रामकथा कर रहे जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज (Jagadguru Ramabhadracharya Maharaj) ने कृष्ण जन्मभूमि (Krishna Janmabhoomi) पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कथा के दौरान व्यास गद्दी पर बैठकर कहा कि जब तक मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि का फैसला नहीं हो जाता है वह किसी भी कृष्ण मंदिर में दर्शन करने नहीं जाएंगे. उन्होंने शहर के सबसे प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर श्री गोविंद देव जी के दर्शन को लेकर यह बात कही.
जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में 9 दिन की रामकथा आजोयित की गई है. यह रामकथा तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्रचार्य कर रहे हैं. इस दौरान जब जगद्गुरु रामभद्रचार्य व्यास गद्दी पर बैठे हुए थे उस वक्त उन्होंने श्री गोविंद देवजी के दर्शन को लेकर कहा कि उन्होंने मंदिर के दर्शन का मन बनाया था. उन्होंने कहा कि बाद में उनका मन बदल गया. इस दौरान उन्होंने अपने मन का संकल्प जाहिर करते हुए कहा कि जब तक कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूर्मि पर फैसला नहीं आ जाता है, तब तक वह किसी भी कृष्ण मंदिर में दर्शन करने नहीं जाएंगे.
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने मंच से ही कहा, ‘हमने गोविंद देव जी से कह दिया है, आप कितनी भी मनुहार क्यों न कर लो जब तक मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि पर जीत नहीं मिल जाती है, मैं किसी भी कृष्ण मंदिर में दर्शन करने नहीं जाऊंगा.’ जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि गलता गद्दी भी उन्हीं के लोगों की है, यह उन्हें मिलकर रहेगी. वह चाहते हैं कि शहर के पास पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक गलता गद्दी पर भी उनके लोगों का अधिकार हो. उन्होंने कहा कि गलता गद्दी पर भी रामानंदियों का ही विजय स्तंभ होगा.
तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य लंबे वक्त तक श्री राम मंदिर आंदोलन से भी जुड़े हैं. इस साल राम मंदिर का उद्घाटन जब होने वाला था उस वक्त शंकराचार्य ने मंदिर के अधूरे निर्माण का विरोध किया था. तब रामभद्रचार्य कहा था कि शंकराचार्य कभी राम मंदिर आंदोलन से जुड़े नहीं रहे. उन्होंने राम मंदिर के उद्घाटन को गौरव का पल बताया था और पूरे जोश के साथ उसमें शामिल हुए थे.
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