इंदौर। अब तक महिलाएं परिवार की प्रताडऩा और पति की बेवफाई, खर्चा नहीं उठाना, नशा करके पत्नी को प्रताडि़त करना, दुव्र्यवहार करना जैसी शिकायतें लेकर वन स्टाप सेंटर या परिवार परामर्श केंद्रों पर पहुंचती रही हैं, लेकिन अब पुरुषों के लिए भी प्रशासन ने दरवाजे खोल दिए हैं। शहर में तीन सेंटर अब पतियों को भी परामर्श देंगे।
अब पुरुष भी अपनी समस्याओं को लेकर काउंसलर के पास जा सकेंगे। महिलाओं के लिए खोले गए सखी सेन्टर पर हर महीने 250 से अधिक केस दर्ज किए जा रहे हैं, लेकिन महिलाओं की प्रताडऩा से खुद को बचाने के लिए या शिकायत करने के लिए पुरुष आगे ही नहीं आ रहे है। पिछली तीन जनसुनवाई में कलेक्टर कार्यालय में पत्नियों की शिकायत लेकर पहुंचे पुरुषों को कलेक्टर के निर्देश पर परिवार परामर्श केंद्र में परामर्श दिलाया गया, वहीं पुरुषों के लिए यह नई व्यवस्था शुरू कर दी गई है। हालांंकि शहर के तीन सेन्टर सास, ससुर, देवरानी, जेठानी, भाभी, ननद के झगड़े लम्बे समय से सुलझा रहे हैं, लेकिन अब जिला प्रशासन की पहल पर पतियों के लिए भी द्वार खोल दिए गए हैं। यहां वे अपनी समस्याएं बता सकते हैं, साथ ही काउंसिलिंग भी करवा सकते हैं।
यहां कर सकते हैं शिकायत
सामाजिक विभाग में कार्य कर रहे तीन सेन्टर अब राष्ट्रीय महिला आयोग के आधीन कार्य करेंगे। स्टार स्कूल समिति, 88 बैंक कॉलोनी इंदौर, भारतीय ग्रामीण महिला संघ, 173 सिल्वर आक्र्स कॉलोनी और अखिल भारतीय संघ 48 स्नेहलतागंज में पुरुषों को परामर्श दिए जाएंगे। हाल ही में कलेक्टर इलैया राजा टी के समक्ष पहुंचे मामले में पत्नी द्वारा पति को प्रताडि़त किए जाने की शिकायत आई थी। पिछली तीन से चार जनसुनवाई में यह आंकड़ें बढ़े हैं, जिसके बाद स्नेहलतागंज स्थित संस्था ने पतियों को पत्नियों की प्रताडऩा से मुक्ति दिलाई है। काउंसिलिंग कर इन परिवारों को एक बार फिर एक किया है।
पति नहीं आते काउंसिलिंग के लिए
वन स्टाप की प्रशासक वंचनासिंह परिहार ने जानकारी देते हुए बताया कि सखी सेन्टर में अब तक 9 महीने में 1800 से अधिक महिलाओं ने शिकायतें दर्ज कराई है। प्रति महीने लगभग 250 मामले सामने आ रहे हैं। इतने ही मामलों में काउंसिलिंग के बाद परिवार एक हो रहे हैं। ज्ञात हो कि महिलाओं के लिए बनाए गए सेन्टर पर तो ऐसे मामले पहुंच रहे हैं, लेकिन पुरुष वर्ग अब भी शिकायत करने में पीछे हैं। महिलाओं द्वारा भी पतियों को ओर परिवार को प्रताडि़त करने के मामले सामने आने लगे हैं, लेकिन अब विभाग पुरुषों को भी काउंसिलिंग देने की शुरुआत कर रहा है।
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