भोपाल। मध्य प्रदेश भर के 16000 से ज्यादा होमगार्ड जवानों को बड़ी राहत मिल गई है। अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार ने अपनी गलती मानी है। सरकार ने जवाब पेश किया है कि अब होमगार्ड जवानों को भी पुलिस जवानों के समान 12 महीने का वेतन दिया जाएगा। हाईकोर्ट में दायर अवमानना याचिका के दौरान दलील दी गई थी की हाईकोर्ट द्वारा 6 फरवरी 2020 को दिए गए आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। आज भी होमगार्ड जवानों को कॉल ऑफ में भेज दिया जाता है। बहरहाल सरकार के जवाब के बाद अवमानना याचिका का निपटारा हाईकोर्ट ने कर दिया है।
इससे होमगार्ड जवानों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है।
आपको बता दें कि विदिशा और रायसेन सहित अन्य जगहों पर पदस्थ होमगार्ड सैनिकों द्वारा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। याचिका में कहा गया था कि डीजी होमगार्ड ने एक आदेश जारी करते हुए साल में से दो माह के लिए छुट्टी दिए जाने का फरमान जारी कर दिया था। इस दौरान उन्हें किसी प्रकार का कोई वेतन या अन्य लाभ नहीं देने का फरमान था।
होमगार्ड जवानों को दी जाती थी दो महीने की छुट्टी
याचिकाकर्ता होमगार्ड सैनिकों का कहना था कि पूर्व में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में आदेश देते हुए पुलिस आरक्षकों के समान वेतनमान और अन्य लाभ दिए जाने के आदेश दिए थे। इसके बाद सरकार ने साल 2016 में नए नियम संबंधित सर्कुलर भी जारी किया था। बावजूद इसके 2 महीने की छुट्टी दिया जाना अवैधानिक है। इस अवधि में उनके सामने आर्थिक संकट एक ओर जहां खड़ा होगा, वहीं अन्य परेशानियां भी सामने आएंगी। याचिकाकर्ताओं के तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार समेत अन्य को नोटिस जारी करते हुए डीजी होमगॉर्ड के आदेश पर रोक लगा दी थी। इससे पहले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि फील्ड ड्यूटी के दौरान होमगाड्र्स और एसडीईआरएफ जवानों को खाना और नाश्ता दिया जाएगा। इसके लिए 25-25 लाख रुपये का बजट रखा गया है। यह फैसला मानवीय आधार पर लिया गया है। इससे पुलिस और होमगार्ड जवानों के बीच असमानता मिटेगी।
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