– कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश में जारी किए निर्देश, वाहन चालक के साथ ही पीछे बैठने वालों के लिए भी हेलमेट लगाना जरुरी
– पार्किंग स्टैंड पर गाड़ी भी पार्क नहीं कर सकेंगे
इंदौर। हेलमेट को लेकर जबलपुर कोर्ट के आदेश के बाद सुस्त बैठा पुलिस विभाग एक बार फिर सख्त होता नजर आ रहा है। हालांकि इस बार ये सख्ती पुलिस द्वारा सडक़ों पर जांच के बजाय निजी और सरकारी दफ्तरों, स्कूल-कॉलेजों और होटल-ढाबा व मॉल संचालकों पर लागू की जा रही है। जी हां, पुलिस मुख्यालय भोपाल ने पूरे प्रदेश के पुलिस व परिवहन अधिकारियों को एक पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सभी सरकारी और निजी कार्यालयों, स्कूल-कॉलेजों, होटल, ढाबों और मॉल में बिना हेलमेट लगाए आने वाले दोपहिया चालकों को प्रवेश से रोका जाए। इसकी जिम्मेदारी संस्थान प्रमुख को सौंपी गई है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पीटीआरआई जी. जनार्दन ने 1 अक्टूबर को पत्र जारी करते हुए इंदौर-भोपाल के पुलिस कमिश्नर और अन्य जिलों के एसपी को कहा है कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत हेलमेट न पहनने वाले दोपहिया वहान चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। पत्र में जबलपुर उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश का हवाला भी दिया गया है। साथ ही सभी पुलिस व परिवहन अधिकारियों को एक गाइड लाइन दी है, जिसे 5 अक्टूबर तक लागू करना है और इसके बाद 6 से 20 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं। आदेश में वाहन चालक के साथ ही पीछे बैठने वाले व्यक्ति के लिए भी सख्ती से हेलमेट अनिवार्य करने की बात कही गई है।
ऑफिस, रेस्टोरेंट, मॉल में नहीं मिलेगा प्रवेश
गाइड लाइन में कहा गया है कि पुलिस अधिकारी सभी सरकारी, अर्धसरकारी और प्राइवेट ऑफिसों के प्रमुख को पत्र जारी करें, जिसमें बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने वाले और पीछे बैठी सवारी को ऑफिसों में प्रवेश से रोका जाए। इसी तरह मॉल, होटल, रेस्टोरेंट और ढाबा संचालकों को भी पत्र जारी करते हुए कहा है कि यहां आने वाले ग्राहकों को बिना हेलमेट प्रवेश से रोका जाए।
कलेक्टर स्कूल-कॉलेज के प्रिंसिपल को दें निर्देश
पत्र में कहा गया है कि सभी निजी और सरकारी स्कूल व कॉलेजों के प्रिंसिपल को भी निर्देशित करें कि शिक्षण संस्थान में आने वाले विद्यार्थियों और उनके पालकों को हेलमेट लगाकर ही वाहन चलाने की जानकारी दें। बिना हेलमेट लगाए आने वाले बच्चों को स्कूल-कॉलेज में प्रवेश न दिया जाए। इस संबंध में कलेक्टर द्वारा लिखित आदेश जारी किए जाएं।
आदेशों में सख्ती, लेकिन पालन मुश्किल
पुलिस मुख्यालय ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद सख्ती के आदेश तो जारी कर दिए हैं, लेकिन इनका पालन करवा पाना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। अभी सडक़ पर ही जब पुलिस इसे लेकर सख्ती नहीं कर पा रही है, ऐसे में शासकीय व निजी संस्थानों, स्कूल-कॉलेजों, होटल, ढाबे, मॉल में इसे कैसे लागू करवाया जा सकेगा।
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