इंदौर। सरकार ने आज तक 13 में से 11 कॉलेजों में पूर्णकालिक डीन नियुक्त नहीं किए। मेडिकल कॉलेज (Medical college) से लेकर संबंधित अस्पतालों (hospitals) में केवल 40 प्रतिशत कर्मचारियों से हम काम चला रहे हैं। 60 प्रतिशत पद सालों से खाली पड़े हैं। मेडिकल कॉलेजों में अस्पताल प्रबंधक, बॉयोमेडिकल इंजीनियर (biomedical engineer) जैसे पद होने के बावजूद खाली हैं।
सरकार इनकी नियुक्तियां करने के बजाय चिकित्सा संस्थानों (medical institutions) में प्रसाशनिक अफसरों की नियुक्ति करके डॉक्टर्स व प्रोफेसर्स (doctors and professors) पर लालफीताशाही थोपने जा रही है। इसीलिए हम इस निर्णय का काली पट्टी (black band) बांधकर विरोध जता रहे हैं। मेडिकल छात्रों (medical students) के पीजी में प्रवेश में होने वाली देर और सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक अधिकारी के रूप में एडीएम (ADM) की नियुक्ति के विरोध में कल मेडिकल संगठनों के पदाधिकारियों की मीटिंग हुई।
इसमें आईएमए इंदौर के अध्यक्ष डॉ. सुमित शुक्ला (Dr. Sumit Shukla), मेडिकल टीचर एसोसिएशन (Medical Teachers Association), एमजीएमएमसी की अध्यक्ष डॉ. पूनम माथुर (Dr. Poonam Mathur), सचिव डॉ. अशोक ठाकुर (Dr. Ashok Thakur), एमजीएमएमसी एलुमिनी एसो. के अध्यक्ष डॉ. शेखर राव (Dr. Shekhar Rao), सचिव डॉ. संजय लोंढे (Dr. Sanjay Londhe), जेडीए इंदौर के डॉ. पीयूषसिंह बघेल (Dr. Piyush Singh Baghel), डॉ, लताशा सिंह (Dr. Latasha Singh), अजाक्स मेडिकल कर्मचारी संघ के करण भगत (Karan Bhagat), नर्सिंग संगठन के धर्मेंद्र पाठक (Dharmendra Pathak) ने भविष्य की रणनीति बनाते हुए ऐलान किया कि आज दोपहर में सारे स्वास्थ्य संगठन प्रतीक स्वरूप काली पट्टी बांधकर एमवाय अस्पताल में प्रदर्शन करेंगे।
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