नई दिल्ली। मछली सेहत के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है. इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं. गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेस यूनिवर्सिटी (गडवासू) (Guru Angad Dev Veterinary and Animal Sciences University (Gadavasu) के कॉलेज ऑफ फिशरीज के वैज्ञानिक डॉक्टर अजीत सिंह ने फिश बिस्कुट (fish biscuits) तैयार किए हैं. यह बिस्कुट आम बिस्कुट के मुकाबले कहीं ज्यादा महंगे हैं, लेकिन यह दवाई की तरह काम करने में कारगर होंगे.
डॉक्टर अजीत सिंह का दावा है कि कोविड-19 से लड़ने के लिए प्रोटीन का सबसे बड़ा सोर्स और मील का पत्थर साबित होगा यह फिश बिल्कुट. इसके अलावा उन्होंने बताया कि बाजार में मिलने वाले सामान्य बिस्कुट कार्बोहाइड्रेट रिच होते हैं और इन फिश बिस्कुट में कार्बोहाइड्रेट 75 फीसदी से ज्यादा होता है. वहीं, इनमें फाइबर और प्रोटीन कम होता है. प्रोटीन सिर्फ 5 फीसदी के करीब होता है. फाइबर 1 फीसदी के आसपास होता है, इसलिए हेल्दी विकल्प नहीं होते हैं और न्यूट्रीशनल की कमी को पूरा नहीं करते है.
कार्प मछली के मीट से बनाए गए फिश बिस्कुट प्रोटीन और फाइबर रिच हैं. एक बिस्कुट रागी और एक ओट्स के साथ तैयार किया गया है. फिश को प्रोटीन आइसोलेट पाउडर के तौर पर इस्तेमाल किया है. फिश प्रोसेसिंग में कंपेंसेट किया गया जिससे स्मेल न आए. इसमें वनिला फ्लेवर एड किया है. फाइबर के लिए रागी को मिलाया गया है. वहीं, ओट्स के भी अपने कई फायदे हैं.
फिश बिस्कुट में कार्बोहाइड्रेट करीब 50 फीसदी होता है और प्रोटीन लगभग 17 फीसदी होता है. रागी में फाइबर 5 फीसदी से ज्यादा और ओट्स में 2 से 3 फीसदी फाइबर होता है. इस वजह से फिश बिस्कुट के न्यूट्रीशनल के तौर में कई फायदे हैं. ये सेल्फ स्टेबल है. इसे रूम टेंपरेचर में ही 2 महीने तक रखा जा सकता है और कहीं भी आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं.
फिश मीट को आइसोलेट करते हैं तो रिकवरी कम आती है और 50 फीसदी वेस्टेज हो जाती है. इस वजह से सामान्य बिस्कुट के मुकाबले कीमत ज्यादा है, लेकिन फिश बिस्कुट दवाई की तरह काम करने में कारगर हैं. फिश प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में इससे पहले भी फिश फिंगर्स, फिश बॉल, फिश नगेट्स, फिश कटलेट, फिश पापड़, फिश वेफर्स, फिश सॉस, फिश अचार जैसे उत्पाद बनाए हैं. जिनकी शेल्फ लाइफ 6 महीने से भी ज्यादा है.
फिश प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में इससे पहले भी फिश फिंगर्स, फिश बॉल, फिश नगेट्स, फिश कटलेट, फिश पापड़, फिश वेफर्स, फिश सॉस जैसे उत्पाद बनाए हैं। फिश अचार बनाए हैं, जिनकी शेल्फ लाइफ 6 महीने से भी ज्यादा है. फिश तो बच्चों के लिए भी प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स है. वे भी आसानी से खा सकते हैं। प्रोटीन की कमी से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। कोविड 19 के दौरान लोग प्रोटीन के सोर्स ढूंढ रहे हैं. यह प्रोटीन के सोर्स का काम करता है.
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