लखनऊ । सपा मुखिया अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) ने कहा कि अब नये जमाने की हर ‘बेटी’ (Now every ‘Daughter’ of the New Era) सत्ता से आंख मिलाकर बैठी (Is eye to eye with Power) । अब तो ‘उनके’ हक़ की लड़ाई सड़कों पर ‘उनको’ ले आई ।
पीसीएस और आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षाएं एक से अधिक दिन और पालियों में कराने के खिलाफ हजारों छात्र उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर पिछले दो दिनों से डटे हुए हैं। इसी मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक कविता के माध्यम से निशाना साधा है। उनका कहना है- ‘हर लड़की का सपना कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।’
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि अब नये जमाने की हर ‘बेटी’, सत्ता से आंख मिलाकर बैठी। उसने संघर्ष किया हर क़दम पर, यहाँ तक आई अपने दम पर, देखे सपने और करी पढ़ाई , ‘वो’ अब अंतिम लड़े लड़ाई। अब नये ज़माने की हर ‘बेटी’। सत्ता से आँख मिलाकर बैठी। बीत गया अब वो जमाना, जब कहते थे चौखट के बाहर न तुमको जाना । अब तो ‘उनके’ हक़ की लड़ाई सड़कों पर ‘उनको’ ले आई । अब नये ज़माने की हर ‘बेटी’। सत्ता से आँख मिलाकर बैठी। हर लड़की का सपना कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन लगातार तीसरे दिन जारी है। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती वे पीछे नहीं हटेंगे। अन्य जगहों से भी प्रतियोगी छात्र इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। छात्रों ने पूरी रात आयोग के बाहर डेरा डाल रखा है। प्रतियोगी छात्र परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया का भी विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह प्रक्रिया उन्हें निष्पक्ष परिणामों से वंचित कर सकती है। उनका तर्क है कि हर परीक्षा में अलग-अलग प्रश्न पत्र होते हैं और इनमें कठिनाई के स्तर में अंतर होता है। अफसरों ने 12 घंटे के अंदर दूसरी बार आंदोलनकारी छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ।
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