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अब वक्त भी मौजूं हकीकत से डरता है…अंजाम नए आयाम का क्या होगा, कह नहीं सकता है

July 20, 2024

कावड़ यात्रा मार्ग को सरकार ने नेमप्लेट में बांट दिया… हर दुकान पर नाम और चलाने वाले की पहचान वाकिफ कराने का मकसद भले ही सरकार कावड़ यात्रियों की पवित्रता और धार्मिक सहिष्णुता को बरकरार रखना बताए, लेकिन हकीकत यह है कि इस पूरे मार्ग पर मौजूद मुस्लिम समाज भी हिंदू कावड़ यात्रियों के सम्मान और स्वागत में शरीक होता रहा है…वो जानते हैं कि कावड़ यात्री उनके रोजगार के रहनुमा हैं… लिहाजा उन्होंने उनकी हर जरूरत के सामान को कारोबार का हिस्सा बनाया…यह और बात है कि इन्हीं में से कुछ लोगों ने कावड़ यात्रियों के साथ बेअदबी की हो…लेकिन पूरी कौम को इसकी सजा देने पर सवाल उठना लाजिमी है…बात उत्तरप्रदेश से गुजरने वाले यात्रियों पर ही नहीं ठिठक जाती… बात कश्मीर से गुजरने वाले अमरनाथ यात्रियों तक भी पहुंचेगी…इस पूरे इलाके में कई मुस्लिम समाज के लोग अमरनाथ यात्रियों के सारथी बने हुए हैं…दुकानों और जरूरतों के अलावा बुजुर्गों और बीमार यात्रियों को अपने कांधों से लेकर पिट्ठुओं तक पर यात्रा करवाने का काम कई मुस्लिम कर रहे हैं…इसलिए आतंकवाद से सुलगते कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों पर नापाक निगाहों से पहले आतंकवादियों को भी सोचना पड़ता है…कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद आतंकवाद का रुख जम्मू की ओर होने की वजह भी यही है कि कश्मीर में हिंदू पर्यटकों की भीड़ ने मुस्लिमों के रोजगार को आबाद कर रखा है…वहां जाने वाले पर्यटकों की हिफाजत का जिम्मा न केवल मुस्लिम लेते हैं, बल्कि हिंदुओं की हर जरूरत का माध्यम भी बनते हैं…फिर चाहे वो गाड़ी चलाना हो…कश्तियों में घुमाना हो…शिकारों में ठहराना हो…या कश्मीर की केसर से लेकर गर्म कपड़े दिलवाना हो…कारोबार से जुडक़र रिश्ता बदल जाता है…हिंदू प्रतिष्ठानों में मुस्लिम काम करते हैं और मुस्लिमों के काम भी हिंदुओं के बिना पूरे नहीं होते हैं…जुड़ाव का यह जज्बा हर नफरत को नियंत्रित करता है… जब जरूरत से नाता ही नहीं रह जाएगा तो एक वर्ग का दूसरे वर्ग से भिडऩे से कौन रोक पाएगा…और फिर इसका फायदा दुश्मन उठाएंगे…देश में रंजिशें फैलाएंगे… नफरतें बढ़ाएंगे… पाकिस्तान और चीन जैसे मुल्क इसी नफरत को हथियार बनाएंगे और अपनों को ही अपना दुश्मन बनाएंगे… उत्तरप्रदेश की सरकार का मकसद धार्मिक पवित्रता को कायम रखना है तो उसके लिए कोई और उपाय भी किए जा सकते थे… पूरे कावड़ यात्रा मार्ग पर स्थित दुकानों के शुद्धिकरण की जांच कर उन्हें चिह्नित और प्रामाणिक किया जा सकता था…और यह ऐलान भी किया जा सकता था कि कावड़ यात्री प्रामाणिक दुकानों से ही सामान लेें… लेकिन वर्ग-भेद की संरचना कर पूरे देश में मुस्लिमों के मन में असुरक्षा की भावना पैदा करने का परिणाम बेहद घातक भी हो सकता है… ऐसे में उन असामाजिक तत्वों और देशद्रोही ताकतों को भी हवा मिल सकती है, जो वर्ग विशेष के नौजवानों को देशद्रोह के लिए भडक़ाते हैं, उन्हें आतंकी बनाते हैं और मरने-मारने के लिए उकसाते हैं…सरकार के रवैये ने उनके नापाक मंसूबों के लिए बेवजह एक ऐसी वजह बना दी, जो देश में वर्ग-भेद की न केवल खाई बना देगी, बल्कि भविष्य को भी आतंक में डूबा देगी…योगी की यह सोच मोदी के लिए भी परेशानी का सबब बना देगी…सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास का नारा देकर सत्ता में आने वाले प्रधानमंत्री मोदी से सहयोगी दलों के सवाल बवाल मचाने लगे हैं…इस फैसले पर उंगली उठाने लगे हैं…शुरुआत घर में हो चुकी है…आंगन में बखेड़ा होगा और देश बदनाम हो जाएगा…

 

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इंदौर वन विभाग के महू, चोरल के जंगल की 300 हेक्टेयर जमीन पर लगे पेड़ों पर चलेगी कुल्हाड़ी

Sat Jul 20 , 2024
इधर लगा रहे पेड़, उधर चलेगी कुल्हाड़ी इंदौर। नई रेलवे लाइन डालने के लिए इंदौर वन विभाग से रेलवे विभाग ने 300 हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि की मांग की है। वन अधिकारियों के अनुसार रेलवे को जंगल की जमीन देने के लिए सैद्धान्तिक सहमति दे दी गई। रेलवे लाइन डालने के लिए जितने पेड़ […]
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