नई दिल्ली । लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू (Lieutenant General BS Raju) ने सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) बनने के बाद बुधवार को लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे (Lieutenant General DP Pandey) को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) की चिनार कॉर्प्स के कमांडर (commander) का कार्यभार सौंप दिया है। अब तक डीजीएमओ रहे लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह संघा (Lieutenant General Paramjit Singh Sangha) को सेना मुख्यालय में उप प्रमुख (रणनीति) बनाया गया है और उन्होंने पदभार भी संभाल लिया है। लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू भी जल्द ही सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) का चार्ज संभालेंगे।
रक्षा सूत्रों ने कहा कि सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) पद पर बीएस राजू की नियुक्ति आदेश आ गया है। चिनार कॉर्प्स का कार्यकाल पूरा करने के बाद अप्रैल में डीजीएमओ के रूप में कार्यभार संभालेंगे। जनरल बीएस राजू को आतंकवाद-संबंधी मामलों को संभालने का विस्तृत अनुभव है। चिनार कॉर्प्स के कोर कमांडर का कार्यभार संभालने से पहले वह जम्मू-कश्मीर में पांच साल तक सेवा दे चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल राजू के नेतृत्व में ही अब तक सेना आतंकवादियों से सीधे मुठभेड़ करने की बजाय आत्मसमर्पण सुनिश्चित करने पर काम कर रही है। उनके कार्यकाल में ही सबसे ज्यादा घुसपैठिये मारे गए हैं और इस साल पाकिस्तान से होने वाली घुसपैठ का आंकड़ा भी कम हुआ है। उनके कार्यकाल में सबसे अधिक मुठभेड़ हुईं हैं लेकिन इस दौरान सबसे ज्यादा स्थानीय आतंकवादी जिंदा भी पकड़े गए हैं। उनके कार्यकाल में घाटी में सबसे कम सक्रिय आतंकवादी भी देखे गए हैं।
अब तक सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) रहे लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह संघा को सेना मुख्यालय में उप प्रमुख (रणनीति) बनाया गया है और उन्होंने पदभार भी संभाल लिया है। लेफ्टिनेंट जनरल संघा ने 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई थी। वह पहले उप-प्रमुख (रणनीति) बनाये गए हैं, जो सेना मुख्यालय के पुनर्गठन के हिस्से के रूप में सृजित किया गया है। उनके सेना मुख्यालय जाने से अब डीजीएमओ का पद खाली हो गया है। चिनार कॉर्प्स का कार्यकाल पूरा करने के बाद अब वह अप्रैल में डीजीएमओ के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
जम्मू-कश्मीर की चिनार कॉर्प्स के कमांडर नियुक्त किये गए लेफ्टिनेंट जनरल पांडे अभी तक प्रादेशिक सेना के महानिदेशक थे। आज कार्यभार संभालने के बाद उन पर कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों और नियंत्रण रेखा की जिम्मेदारी होगी। उन्होंने इससे पहले किलो फोर्स का नेतृत्व किया था, जो उत्तरी कश्मीर में अभियानों का ध्यान रखती है। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे का कश्मीर में लंबा कार्यकाल रहा है। अब तक के करियर में उनकी चिनार कॉर्प्स के साथ सात बार पोस्टिंग रह चुकी है। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे यह पद संभालने वाले प्रादेशिक सेना के डीजी रैंक के पहले अधिकारी हैं।
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