भोपाल। पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव से निपटने के बाद अब सरकार पूरी तरह चुनावी मोड में काम करेगी। यानी विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश में अब विकास कार्यों की बहार आने वाली है। आने वाले समय में सड़क निर्माण, भूमिपूजन, लोकार्पण, शिलान्यास के कार्यों में गति आएगी। इसके लिए सरकार ने खाका तैयार कर लिया है। इसके तहत विधानसभावार विकास कार्य कराए जाएंगे। गौरतलब है की पूर्व में सरकार ने विधायकों से उनके क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों की सूची मांगी थी। जिसमें सड़कों को प्राथमिकता में रखा गया था।
दरअसल, सरकार विधानसभा चुनावों से पहले तेजी से विकास कार्य करना चाहती है ताकि इसका सीधा लाभ उसे आने वाले चुनावों में मिल सके। इसलिए सभी विभागों से सीएम डैशबोर्ड पोर्टल पर कई तरह की जानकारियां मांगी गई है ताकि सीएम उनकी समीक्षा कर सके। विभागों से कहा गया है कि अगले एक साल के भीतर होने वाले लोकार्पण, शिलान्यास की जानकारी शासन को अलग से भी भेजी जानी है। इसमें भूमिपूजन व शिलान्यास कार्य के नाम के साथ जिला और विधानसभा/ विकासखंड की भी जानकारी देना है। इसी तरह सिंगल क्लिक से दी जाने वाली राशि के मामले में भी जानकारी दिया जाना है। विभागों से इसके लिए सितम्बर 2023 तक के लिए संभावित तारीख के बारे में भी पूछा गया है।
मुख्यमंत्री करेंगे प्रस्तावों की समीक्षा
नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव के बाद अब राज्य सरकार अगले विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सितंबर 2023 तक होने वाले पांच करोड़ से अधिक के शिलान्यास, लोकार्पण कार्यों और 50 करोड़ से अधिक राशि की हितग्राहीमूलक योजनाओं की समीक्षा करेंगे। इसके लिए सभी विभागों से जानकारी मांगी गई है। सितंबर 2023 तक पांच करोड़ रुपए या उससे अधिक लागत के शिलान्यास योग्य कार्यों की सूची विभागों से मांगी गई है। इसी अवधि में पांच करोड़ या उससे अधिक लागत के लोकार्पण योग्य कामों की सूची भी मांगी गई है। सितंबर 2023 तक सिंगल क्लिक के माध्यम से एक बार में पचास करोड़ या उससे अधिक राशि के हितग्राहियों को हितलाभ के रूप में वितरण संबंधी योजनाओं की जानकारी भी विभागों से मांगी गई है। मुख्यमंत्री विभागीय समीक्षा बैठकों की इसी माह शुरुआत करने जा रहे है। इसके लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप अंतर्गत आउटपुट और आउटपुट की पूर्ति की स्थिति की जानकारी मांगी गई है। तीन से 11 जनवरी 2022 की अवधि में आयोजित समीक्षा बैठकों में दिए गए निर्देशों का कितना परिपालन हुआ इसकी समीक्षा भी सीएम करेेंगे। विभागों द्वारा निर्धारित अल्पकालीन, मध्यकालीन, दीर्घकालीन लक्ष्य और उनकी पूर्ति की क्या स्थिति है इस पर भी सीएम सभी विभागो के अधिकारियों से अलग-अलग चर्चा करेंगे। बैठक में विभागीय मंत्री के साथ विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव को उपस्थित रहना अनिवार्य किया गया है। विभागाध्यक्ष और अन्य जिम्मेदार अधिकारी इन बैठकों में वर्चुअली शामिल हो सकेंगे।
सीएम की घोषणाओं को दिया जाएगा अंतिम रूप
मंत्रालयीन सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री का फोकस उनके द्वारा की गई घोषणाओं पर है। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का कितना क्रियान्वयन हुआ उसकी प्रगति की क्या स्थिति है इस पर भी सीएम बात करेंगे। मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत वर्तमान में अधिसूचित विभागीय लोक सेवाओं की कुल संख्या और उन लोक सेवाओं की संख्या मय सूची जिन्हें अधिनियम अंतर्गत अधिसूचित किया जा सकता है उसकी जानकारी भी सीएम ने मांगी है। इसके अलावा अंतर्विभागीय समन्वय और केन्द्र सरकार में लंबित प्रकरणों पर भी सीएम विभागीय अफसरों से बात करेंगे। इसके साथ ही मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनिनियम के अंतर्गत दी जाने वाली सेवाओं को नोटिफिकेशन किए जाने तथा अंतर्विभागीय समन्वय, नीतिगत मामले और केंद्र सरकार के पास लंबित विभागीय मामलों में भी चर्चा होगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved