भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गौण खनिज खदानों के लीज धारकों को 75 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के मूल निवासियों को देना होगा। दागी अधिकारियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भ्रष्ट अधिकारियों को तत्काल सेवा से पृथक किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खनिज से संबंधित समस्त प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाते हुए ऑनलाइन व्यवस्था सुदृढ़ की जाए। प्रदेश में उपलब्ध मुख्य खनिज तथा गौण खनिज, रायल्टी का बड़ा स्रोत है। उत्खनित खनिज की शत.प्रतिशत रायल्टी राज्य को प्राप्त हो। इसके लिए हमें हरसंभव प्रयास करना होंगे। राज्य शासन खनिज संसाधनों की सुरक्षा व प्रबंधन के लिए पृथक बल बनाने पर भी विचार कर सकती है। मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय में गौण खनिज नियम तथा जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम में प्रस्तावित संशोधनों पर विचार.विमर्श कर रहे थे। चौहान ने कहा कि रेत रायल्टी का बड़ा स्रोत है। इससे जुड़ी अवैध गतिविधियों के कारण जो रायल्टी राज्य सरकार को प्राप्त नहीं हो रही है, उसे राज्य निधि में लाने के लिए वैधानिक विकल्प विकसित कर उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। अवैध रेत खदानों को वैधानिक प्रक्रिया में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिन जिलों के खनिज प्रतिष्ठान में अधिक राशि आती है उसका सार्थक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तर से गाइडलाइन तथा प्राथमिकताएं निर्धारित करना आवश्यक है।
गौण खनिज में शामिल होंगे 31 मुख्य खनिज
31 मुख्य खनिजों को गौण खनिज में शामिल करने, ग्रेनाइट, मार्बल, फर्सी-पत्थर के वेस्ट के निराकरण, शासकीय भूमि पर फर्शी पत्थर व पत्थर की खदानों को नीलामी के स्थान पर लीज से आवंटित करने, लीज स्वीकृति की शक्तियों के निर्धारण और गौण खनिज की रॉयल्टी दर के पुनरीक्षण पर भी चर्चा हुई। नदी की रेत के विकल्प एम.सैंड (निर्मित रेत) की रॉयल्टी दर पर भी चर्चा हुई। उल्लेखनीय है कि इसे नवीन गौण खनिज के रूप में शामिल किया जा रहा है।
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