भोपाल। राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति शान्तनु एस केमकर ने कहा है कि उपभोक्ता आयोग पुराने प्रकरणों पर प्राथमिकता से सुनवाई करें। साथ ही नवीन प्रकरणों का निराकरण शीघ्रता से किया जायें। अब उपभोक्ता शिकायतों को ई-दाखिल करा सकेंगे। शिकायतों का समय-सीमा और प्रभावी ढंग से निराकरण होना चाहिए।
प्रमुख सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण किदवई ने कहा कि ऐसे आदेश का कोई औचित्य नहीं जिनका पालन नहीं हो सके। उपभोक्ता आयोग शिकायतों के निराकरण संबंधी अपने आदेशों का पालन कराने के लिए कलेक्टर्स के साथ माह में एक दिन बैठक कर समन्वय स्थापित करें। श्री किदवई ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में राज्य उपभोक्ता आयोग एवं जिला आयोग के अधिकारों का दायरा बढ़ाया गया, जिससे आपका काम बढ़ा है और आपकी आवश्यकता भी बढ़ी है। फिर वो इन्फास्ट्रक्चर हो या स्टाफ। राज्य केन्द्र सरकार के साथ समन्वय कर इस दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा उपभोक्ता आयोग के संबंध में दो महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए आयोग में फिक्स वेतन को वेतनमान में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। साथ ही नवीन सदस्यों की नियुक्ति भी की गई। उन्होंने कहा इस प्रक्रिया के परिणाम सामने आने लगे हैं और शिकायतों के निराकरण में काफी तेजी आई। राज्य आयोग की रजिस्ट्रार श्रीमती अलका श्रीवास्तव द्वारा राज्य आयोग एवं जिला आयोगों में प्रकरण के संस्थापन एवं निराकरण के संबंध पावर प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत किया गया।
आयोग के काम की रैंकिंग भी
किदवई ने बताया कि केन्द्र सरकार की तरह तीन माह काम की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित आयोग को रैंकिंग दी जाएगी। एक्सीलेंट, गुड एवं एवरेज में दी जाने वाली रैंकिंग आयोग में दर्ज प्रकरण एवं उनके निराकरण में प्राथमिकता के आधार पर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मेडिएशन की ओर भी हमें और अधिक काम करना है। इसके लिए ज्यूडिशियल अकादमी में ट्रेनिंग भी की जाएगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved