भोपाल। मध्य प्रदेश में अब 24 नहीं 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा। बिसात बिछ चुकी है। मुद्दे कुछ तय कर लिए गए हैं। कुछ ढूंढे जा रहे हैं। लेकिन एक मुद्दा पूरी गर्माहट के साथ छाया रहेगा वो है-किसान और कर्जमाफी। पिछले चुनाव में कर्जमाफी के मुद्दे पर सत्ता में आई कांग्रेस इसे फिर कैश कराने के लिए तैयार है। उपचुनाव से पहले किसान और किसान कर्ज माफी का मुद्दा पूरी तरह से गर्म है। पार्टी, भाजपा के उन आरोपों का मुंहतोड़ जवाब देना चाहती है जो उसके नेता बार-बार लगातार लगा रहे हैं। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने किसानों को छला। कर्जमाफ नहीं किया गया। कांग्रेस ने अब जवाबी प्लान तैयार किया है।एमपी किसान कांग्रेस अब किसानों की जुबानी कर्ज माफी की कहानी बताने के लिए अभियान छेड़ेगी। उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस कर्जमाफी योजना का फायदा लेने वाले किसानों का वीडियो तैयार करेगी। इसमें किसान खुद कर्ज माफी का लाभ मिलने की पूरी जानकारी देंगे।
लिस्ट तैयार है
कांग्रेस पार्टी ने उन सारे विधानसभा क्षेत्रों के किसानों की सूची तैयार कर ली है, जहां उपचुनाव होना है। ये वो किसान हैं जिनका 50 हजार तक का कर्ज माफ किया जा चुका है। उन किसानों के पास पहुंच कर कांग्रेस उनका वीडियो तैयार करेगी और फिर उसे विधानसभा क्षेत्र में दिखाएगी।
भाजपा का जवाब
मप्र में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद सत्ता में आयी भाजपा ने गड़बड़ी की जांच के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर बना दिया है। प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल किसान कर्ज माफी योजना के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा होने का आरोप कमलनाथ सरकार पर लगा चुके हैं। उपचुनाव वाले विधान सभा क्षेत्रों में भाजपा कमलनाथ सरकारी की कर्ज माफी योजना को धोखा बता कर प्रचार कर रही है। वीडियो बनाने के बाद कांग्रेस पार्टी ऐसे किसानों के पास पहुंच कर उनसे कर्ज माफी योजना से मिले फायदे पर चर्चा करेगी। किसान का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जाएगा।
किसान कांग्रेस सक्रिय
एमपी किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर के मुताबिक इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने हर बूथ स्तर पर किसान सैनिक तैनात कर दिए हैं। ये बूथ स्तर पर किसान कर्ज माफी से जुड़े किसानों की जानकारी वीडियो पर जुटाकर अपलोड करेंगे। पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव का कहना है, कांग्रेस सरकार ने किसान कर्ज माफी का पहला चरण पूरा कर लिया था। 20 लाख से ज्यादा किसानों का कर्जा माफ किया जा चुका है। दूसरा चरण शुरू होने से पहले ही सरकार सत्ता से चली गई। इसकी हकीकत अब किसानों के बीच पहुंचकर कांग्रेस बताएगी।
2018 का गेम चेंजर
2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में किसानों का कर्जा माफ करने का ऐलान किया था। सत्ता में आते ही सीएम पद की शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने सबसे पहले किसान कर्ज माफी योजना की फाइल पर ही साइन किए थे। कर्जमाफी जोर-शोर से शुरू भी हो चुकी थी। सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में किसान कर्ज माफी बड़ा मुद्दा बना रहा। बीजेपी अब उपचुनाव में कांग्रेस के उसी मुद्दे को लपक रही है। लेकिन कांग्रेस भी बाजी अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहती।
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