बीजिंग। चीन अपनी शक्ति (China its power) इस तरह बढ़ा रहा है कि आने वाले समय में दुनिया क लिए मुसीबत बनेगा। आपको बता दें कि चीन गुपचुप तरीके से लंबी और कम दूरी की पारंपरिक मिसाइलों (conventional missiles) का जखीरा बढ़ाने में जुटा हुआ है।
अमेरिकी विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अब जमीन और समुद्र के भीतर से मार करने वाली छोटी दूरी की मिसाइलों से लैस है। इनसे हिंद महासागर में अमेरिकी सैन्य मौजूदगी के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। चीन पहले ही अपनी रॉकेट सेना तैयार कर चुका है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध के चलते भारत के लिए भी नई चीनी फौजी तैयारियों से खतरा बढ़ गया है।
2000 हिंद-प्रशांत में तैनात
अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, हिंद-प्रशांत इलाके के लिए चीन ने लगभग 2000 मिसाइलें तैनात कर दी हैं। ऐसी चार क्रूज मिसाइलों की अधिकतम मारक क्षमता 1800 किलोमीटर तक है। अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि छोटी दूरी की यह मिसाइलें कहीं ज्यादा सटीक निशाना लगाती हैं। चीन के पास इस समय सबसे ताकतवर क्रूज मिसाइलें भी हैं।
15000 किमी तक मार
अमेरिकी सीएसआईएस मिसाइल डिफेंस प्रोजेक्ट के मुताबिक, चीन के पास सबसे सक्रिय और सबसे नया मिसाइल विकास कार्यक्रम है। उसके पास 7,000 से 15,000 किमी तक मार करने वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें भी हो गई हैं। साफ है कि अब अमेरिकी मुख्य भूमि भी उसके निशाने की जद में है। वो अपनी अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइलों को और आधुनिक बनाने में जुटा है। वाहन से दागी जाने वाली मिसाइलों के साथ इन्हें हाइपरसोनिक और बूस्ट ग्लाइड व्हीकल्स भी बनाने में जुटा है।
चीनी नौसेना पनडुब्बियों के बेड़े में एटमी बैलेस्टिक मिसाइल तैनात करने में जुटी है। इससे वह समुद्र के भीतर से भी बैलिस्टिक मिसाइलें दागने में सक्षम हो सकेगा।
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