भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना से प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को उद्योग उन्मुख नई तकनीक और प्रक्रियाओं में दक्षता लाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उन्हें सहजता से रोजगार प्राप्त हो सकेगा। यह योजना युवाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाएगी। मुख्यमंत्री चौहान मुख्यमंत्री निवास कार्यालय समत्व भवन में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में युवा आवेदकों के लिये पंजीयन प्रक्रिया के शुभारंभ के राज्य-स्तरीय कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। यह कार्यक्रम 4 जुलाई को दोहपर 12 बजे भोपाल के रवीन्द्र भवन में होगा। इसमें एमएमएसकेवाय पोर्टल का शुभारंभ होगा और पंजीयन की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री, कॉलेज के छात्र-छात्राओं से संवाद भी करेंगे। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल? सिंह बैंस सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअली शामिल हुए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि योजना का शुभारंभ कार्यक्रम बेहतर और व्यवस्थित हो। कार्यक्रम में रोजगार-स्वरोजगार की जानकारी दी जाए।
कल से शुरू होगा पंजीयन
मुख्यमंत्री 4 जुलाई को इस योजना में युवा आवेदकों के पंजीयन की प्रक्रिया की शुरुआत करेंगे। मुख्यमंत्री भोपाल के रवींद्र भवन में होने वाले कार्यक्रम में युवाओं से संवाद भी करेंगे। इस योजना में युवाओं को उद्योगों के साथ सर्विस सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण दिलाते हुए स्टाइपेंड की व्यवस्था की गई है। युवाओं को नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया से व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को 8 हज़ार से 10 हज़ार रूपये प्रतिमाह स्टाइपेंड प्राप्त होगा। अब तक लगभग 10 हज़ार 429 प्रतिष्ठानों को पंजीकृत किया जा चुका है। इनमें 23 अन्य राज्य के प्रतिष्ठान भी शामिल हैं। प्रतिष्ठानों द्वारा लगभग 34 हज़ार 690 वेकेन्सी(प्रशिक्षण की सीट) क्रिएट की जा चुकी है। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में 18 से 29 वर्ष आयु तक के मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी युवा पात्र हैं, जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं, आईटीआई उत्तीर्ण या उससे उच्च है। चयनित युवा छात्र, प्रशिक्षणार्थी कहलाए जाएंगे। प्रत्येक कोर्स के लिए देय स्टाइपेंड का निर्धारण प्रावधानित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के आधार पर किया गया है। इसमें 12वीं या उससे कम कक्षा उत्तीर्ण युवाओं को 8 हज़ार रूपये प्रतिमाह, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हज़ार 500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हज़ार तथा स्नातक उत्तीर्ण अथवा इससे उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले प्रशिक्षणार्थी युवाओं को 10 हज़ार रूपए प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाएगा।
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