एल्डरमैनों की संख्या भी दोगुनी कर दी, कोई फुटपाथ पर भी नहीं सोएगा, नगरीय विकास और आवास मंत्री ने किए कई दावे
इंदौर। स्वच्छता सर्वेक्षण (cleanliness survey) में लगातार छठवीं बार इंदौर नम्बर वन (Indore number one) आया है और साथ ही सेवन स्टार सिटी (Seven star city) का खिताब भी हासिल किया, जिसके चलते कल सफाई मित्रों का सम्मान समारोह रखा गया और इसमें शामिल हुए नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने मीडिया से भी चर्चा की, जिसमें उन्होंने कई घोषणाएं, दावे तो किए ही वहीं यह भी बताया कि अब 30 की बजाय अब 15 दिन में ही भवन अनुज्ञाएं दी जाएंगी, वहीं निगम में नियुक्त होने वाले एल्डरमैनों की संख्या भी बढ़ाकर दोगुनी कर दी है। अब फुटपाथ पर कोई नहीं सोएगा। पुराने रैन बसेरे ठीक होंगे और नए सुविधायुक्त रैन बसेरे का भी निर्माण प्रदेशभर में कराया जा रहा है। इंदौर के मास्टर प्लान को जल्द लागू करने, मेट्रो प्रोजेक्ट सहित अमृत योजना, गरीबों के मकान से लेकर नवीन रीडेंसीफिकेशन पॉलिसी सहित स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चल रहे कार्यों की भी जानकारी श्री सिंह ने मीडिया को दी। अब आउटसोर्स पर सफाई कामगार रखने और नियमित करने से लेकर उन्हें अन्य लाभ देने की भी घोषणा की और सात करोड़ रुपए की राशि भी इंदौर निगम के लिए मंजूर की गई।
ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर (Brilliant Convention Center) में आयोजित इस कार्यक्रम में सफाई मित्रों का सम्मान किया गया, वहीं नियमानुसार पात्र कर्मचारियों को विनियमित करने और दीपावली से पहले अग्रिम माह का वेतन देने सहित कई घोषणाएं भी की गईं। विभागीय मंत्री ने कहा कि देश के सबसे साफ शहर के सफाई मित्रों के बीच आकर वे अभिभूत हैं और इंदौर के कारण ही मध्यप्रदेश को भी पहली बार स्वच्छ प्रदेश का खिताब भी हासिल हुआ। मुख्यमंत्री ने जो सात 7 करोड़ रुपए के पुरस्कारों की घोषणा की है, वह भी निगम को उपलब्ध कराई जा रही है, वहीं मंत्री सिंह ने मीडिया से भी चर्चा की, जिसमें उन्होंने इंदौर के मास्टर प्लान को जल्द लागू करने से लेकर देवास, पीथमपुर, धार को भी प्लान में लेने की बात कही। एल्डरमैनों की संख्या भी बढ़ा दी है। अब इंदौर जैसे बड़े निगमों में 6 की बजाय 12 एल्डरमैन नियुक्त किए जा सकेंगे और जल्द ही ये राजनीतिक नियुक्तियां शुरू होंगी। कम्पाउंडिंग की सीमा 10 से बढ़ाकर 30 फीसदी करने, भवन अनुज्ञा शुल्क में लगने वाली समय सीमा को भी 30 की बजाय 15 दिन करने के अलावा भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में स्टार्टअप्स इन्क्यूबेशन केन्द्रों की स्थापना और सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने तथा अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए 5 सालों में लगभग 5 हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च करने का दावा भी किया। नई रीडेंसीफिकेशन पॉलिसी के बारे में भी मंत्री ने कहा कि पुरानी, जर्जर, खस्ताहाल बिल्डिंगों को तोडक़र उनकी जगह नई आधुनिक बिल्डिंगें बनाई जा सकेगी। शहरी लोक परिवहन के अंतर्गत अभी तीन बड़े शहरों में ही डेढ़ हजार सिटी बसों का संचालन शहरी मार्गों पर चल राह है। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 217 ई-चार्जिंग स्टेशन भी शुरू किए जा रहे हैं। स्मार्ट सिटी ग्रांट फंड अंतर्गत कुल स्वीकृत 641 परियोजनाओ में लागत राशि रु 6718.51 करोड़ के कार्य क्रियान्वित किये जा रहे हंै। स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत युवाओं में उद्यमिता के विभास हेतु प्रदेश में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर तथा उज्जैन में स्टार्ट-अप्स इंक्यूबेशन केन्द्रों की स्थापना की गई है। वहीं शहरी लोक परिवहन के अन्तर्गत 1500 बसों का संचालन शहरी मार्गों पर किया जाएगा, प्रदेश के 03 शहरों (भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर ) में इलेक्ट्रिक वाहनो रे संचालन को बढ़ावा दिये जाने हेतु 217 ई-चार्जिंग अधोसंरचना विकास का कार्य किया जा रहा है। इधर 5 लाख 78 हजार 149 पथ विक्रेताओं का पीएम स्वनिधि का ऋण वितरित किया जा चुका है। इसी तरह प्रदेश में लगभग पुराने 119 रात्रि कालिन आश्रयों का नवीनीकरण कर सुविधा युक्त बनाया गया है । इधर शहरी गरीबों के अत्थान के लिये दिनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का का संचालन प्रदेश के समस्थ 413 नगरीय निकायों में किया जा रहा है। योजना प्रारंभ से 2 लाख 81 हजार युवाओं का कौशल प्रशिक्षण पूर्ण कर 2 लाख 4 हजार प्रशिक्षणार्थयों का प्रमाणीकरण पूर्ण किया जा चुका है। इसी तरह मंत्री श्री सिंह द्वारा अन्य जानकारी भी दी गई।
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