जलजमाव वाले क्षेत्रों में रिचार्ज साफ्ट लगाना शुरू, सौ उद्यानों में और सौ जलजमाव क्षेत्रों में लगाएंगे
इंदौर। नगर निगम (Nagar nigam) द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों पर जलजमाव वाले क्षेत्रों की सूची बनाने के साथ-साथ अब उन स्थानों पर रिचार्ज साफ्ट (बारिश का पानी बोरिंग कर जमीन में भेजने) की कवायद शुरू हो गई है। सौ से ज्यादा ऐसे स्थान हैं, जहां जलजमाव होता है और सौ उद्यानों में यह कार्य कराए जाने हैं, इसके लिए शुरुआती दौर में कई बड़ी कम्पनियों को सहारा लेकर निगम यह काम सीएसआर प्रोजेक्ट (CSR Project) के तहत कर रहा है।
शहर के कई क्षेत्रों में जलस्तर लगातार कम होने की शिकायतों के साथ-साथ कई क्षेत्रों में बोरिंग बंद होने के मामले सामने आ रहे हैं। इसी के चलते नगर निगम और कई संस्थाओं ने इसके लिए अभियान शुरू किया है। लोगों को जाग्रत किया जा रहा है, वहीं रहवासी संघों की मदद भी ली जा रही है। इसको लेकर पिछले दिनों बड़ी कार्यशाला का आयोजन भी हुआ था। अब नगर निगम द्वारा पहले दौर में शहर के सौ ऐसे स्थानों का चयन किया गया है, जहां हर बार बारिश का पानी जमा होता है और इस जलजमाव के कारण लोगों की फजीहत भी होती है। इसी के चलते निगम इन स्थानों पर रिचार्ज साफ्ट लगा रहा है। इस तकनीक के तहत उन क्षेत्रों में एक सुरक्षित स्थान पर बोरिंग कराया जाता है और उस बोरिंग के माध्यम से बारिश का पानी फिर से जमीन में भेजा जाएगा। नगर निगम अधिकारी सुनील गुप्ता और रोहित बोयत के मुताबिक फिलहाल इसके लिए कई बड़ी कम्पनियों से मदद लेकर सीएसआर (कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी) के तहत कार्य कराए जा रहे हैं। अब तक शहरभर में बोरिंग इसलिए किए जाते रहे हैं कि ताकि जमीन से पानी हासिल किया जा सके, लेकिन अब निगम द्वारा विभिन्न कम्पनियों की मदद से बोरिंग कराकर बारिश का पानी जमीन में भेजा जाएगा।
शुरुआत नवरतनबाग और नेहरू स्टेडियम क्षेत्र से
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक इस कार्य की शुरुआत नवरतनबाग स्थित वन विभाग की खाली पड़ी जमीन पर की गई है। वहां रिवर्स बोरिंग किया जा रहा है। उक्त क्षेत्र में बारिश के दौरान यहां जलजमाव की स्थिति अफसरों को भी दौड़ लगवाती रही है। इसके साथ ही नेहरू स्टेडियम के समीप जलजमाव वाले क्षेत्रों में भी रिचार्ज साफ्ट लगाया जा रहा है। दोनों स्थानों पर बैंगलुरु की कम्पनी की मदद से कार्य चल रहे हैं और अब इस कार्य को बढ़ाकर शहर के कई हिस्सों में शुरू किए जाने की तैयारी है।
एक सिस्टम पर दो लाख का खर्च
सीएसआर प्रोजेक्ट के तहत जलजमाव वाले क्षेत्रों में लगाए जा रहे एक सिस्टम पर दो लाख रुपए का खर्च होता है, क्योंकि इसमें उस क्षेत्र में बोरिंग करने के साथ-साथ उसके लिए तमाम उपकरण भी लगाए जाते हैं, ताकि बारिश का पानी आसानी से जमीन में पहुंचाया जा सके। कुछ स्थानों पर कम्पनी की मदद से तो कुछ स्थानों पर निगम अपने स्तर पर यह कार्य कराएगा। शहरभर में 200 स्थानों पर यह कार्य होना है और आने वाले दिनो में कुछ बड़ी फर्मों को काम सौंपे जाएंगे।
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