नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ एक संभावित टीका विकसित (vaccine developed) किया जा रहे, जिसे रेफ्रिजरेटर या कोल्ड स्टोरेज (refrigerator or cold storage) में रखने की आवश्यकता नहीं होगी। ये टीका गर्म मौसम को भी सहन करने में सक्षम होगा और डेल्टा और ओमीक्रोन (Delta And Omicron) सहित कोरोना वायरस (Coronavirus) के अन्य वैरिएंट के खिलाफ मजबूत एंटीबॉडी पैदा करने में असरदार होगा।
बता दें कि भारत में बन रही अधिक तापमान पर टिकने वाली कोरोना वैक्सीन वायरस के डेल्टा और ओमिक्रॉन समेत अन्य स्वरूपों पर कारगर साबित हुई है। यह दावा चूहों पर हुए एक शोध के नतीजों में किया गया है। बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) और बायोटेक स्टार्ट-अप कंपनी मिनवैक्स द्वारा विकसित की जा रही इस ‘वॉर्म’ वैक्सीन में वायरस के स्पाइक प्रोटीन (आरबीडी) का इस्तेमाल किया गया है।
ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (सीएसआईआरओ) के शोधकर्ताओं ने बताया कि अधिकांश टीकों को असरदार बनाए रखने के लिए बहुत कम तापमान में रखना होता है, लेकिन गर्मी सह सकने वाला यह टीका (हीट स्टेबल वैक्सीन) चार हफ्तों तक 37 डिग्री सेल्सियस और 100 डिग्री सेल्सियस में 90 मिनट तक रखा जा सकता है।
इसकी तुलना में, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन, जिसे भारत में कोविशील्ड के रूप में जाना जाता है, को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखा जाना चाहिये जबकि फाइजर टीके के लिये शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस नीचे तक तापमान की आवश्यकता होती है। अध्ययन में कहा गया है कि चूहों पर इस टीके के परीक्षण में पाया गया कि यह डेल्टा और ओमीक्रोन सहित कोरोना वायरस के अन्य वैरिएंट के खिलाफ मजबूत एंटीबॉडी पैदा करने में सक्षम है।
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