फ्रैंकफर्ट। अभी हवाई जहाज (airplane) को उड़ाने के लिए ATF (Aviation Turbine Fuel) का इस्तेमाल होता है. लेकिन एयरोप्लेन बनाने वाली दुनिया की बड़ी कंपनियों में शुमार एयबस (Airbus) अब इसे हाइड्रोजन से उड़ाने की तैयारी कर रही है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने जर्मनी के एक अखबार के हवाले से खबर दी है कि एयरबस (Airbus ) की योजना हाइड्रोजन (hydrogen) से चलने वाले कमर्शियल एयरक्राफ्ट (commercial aircraft) बनाने की है. ये दुनिया का पहला ऐसा हवाईजहाज होगा जो शून्य उत्सर्जन (zero emission) करेगा।
कंपनी के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर गिलऔमे फॉरी का कहना है कि कंपनी इन एयरोप्लेन के लिए खुद से ही इसके इंजन बना सकती है. कंपनी इन एयरक्राफ्ट में फिट करने के लिए खुद की बनाई इलेक्ट्रिक मोटर किट भी विकसित कर सकती है।
2035 तक आएगा ये एयरक्राफ्ट
कंपनी का कहना है कि वो इस एयरक्राफ्ट को 2035 तक लॉन्च कर देगी. इस एयरक्राफ्ट के आने के बाद इस सेक्टर में नई क्रांति आने की उम्मीद है, क्योंकि अभी एयरक्राफ्ट एटीएफ से उड़ान भरते हैं. इससे वायुमंडल की ऊपरी सतह में काफी प्रदूषण फैलता है।
इस विमान के बनने के बाद प्रदूषण की इस समस्या का बड़े पैमाने पर निराकरण हो सकता है. भारत में सस्ती विमान सेवा देने वाली कंपनी IndiGo बड़े स्तर पर Airbus के विमान का इस्तेमाल करती है. Airbus के अलावा अमेरिका की Boeing भी दुनिया की प्रमुख एयरक्राफ्ट बनाने वाली कंपनी है।
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