पहले दस-दस हजार था, अब डबल कर दिया
इंदौर। औचित्यहीन आवेदनों से कोर्ट (Court) का समय बर्बाद (time wasted) करने वाले दीपक कासलीवाल (Deepak Kasliwal) पर अब प्रधान जिला न्यायाधीश शर्मा की कोर्ट ने हर्जाने की रकम दोगुनी करते हुए उसके चारों आवेदन खारिज कर दिए।
दीपक की ओर से नगर निगम आयुक्त (Municipal Corporation Commissioner) एवं मणिप्रभा व अन्य के विरुद्ध चार प्रकरण में धारा 24 सीपीसी के तहत पेश चार आवेदनों को खारिज करते हुए प्रत्येक आवेदन में 20-20 हजार (कुल 80 हजार) का हर्जाना लगाते हुए हर्जाने की राशि 15 दिवस के अंदर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इंदौर में जमा कराने के निर्देश दिए। इसके पहले गत 14 जुलाई को इसी कोर्ट में दीपक के तीन इसी तरह के अनर्गल आवेदनों को खारिज करते हुए उस पर 10- 10 हजार रुपए हर्जाना लगाया गया था। कोर्ट ने अपने आदेश में उल्लेखित किया कि स्पष्ट है कि आवेदक अनावश्यक रूप से धारा 24 सीपीसी के आवेदन के माध्यम से प्रकरणों को एक न्यायालय से दूसरे न्यायालय में अंतरित कराने का न केवल आदी है, बल्कि ऐसा कर वह विचारण न्यायालय पर अनावश्यक दबाव भी बनाना चाहता है और ’कोरम नॉन-ज्यूडिस’ का हवाला देकर विचारण न्यायालय से प्रकरण में दूरी बना लेने का दबाव डालता है। इससे न्यायालय का महत्वपूर्ण समय व्यर्थ होता है। यह उल्लेख किया जाना भी आवश्यक होगा कि सीआईएस के अनुसार इस न्यायालय के समक्ष आवेदक ने अभी तक धारा 24 सीपीसी के अंतर्गत विभिन्न न्यायालयों से प्रकरणों को एक न्यायालय से दूसरे न्यायालय में अंतरित कराने हेतु अनेक आवेदन पत्र प्रस्तुत किए हैं, जिनकी संख्या लगभग 80 के आसपास है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved