कुल 609 गांवों में से मात्र, 2 गांव ही रेड झोन में
इंदौर। ग्रामीण क्षेत्रों (rural areas) में लगातार कोरोना मरीजों ( corona patients) की संख्या घट रही है।राहत की बात या है कि अ बब पूरे जिले में 552 गांव ग्रीन जोन में आ गए हैं।कुल 609 गांव में मात्र 2 ही गांव रेड जोन में है। जिला प्रशासन (District Administration) द्वारा सभी गांवों को रेड,येलो और ग्रीन झोन में बांटकर महामारी खत्म करने का कार्य किया जा रहा हैं।
जिला पंचायत सीईओ हिमांशु चंद (CEO Himanshu Chandra) ने बताया कि प्रशासन,स्वास्थ्य विभाग, जिला पंचायत और जनपद पंचायत की सक्रियता और आम जनता की जागरूकता से ही इस महामारी पर काबू पाया गया है। अभी भी पूरे जिले में 55 येलो झोन गांव है, जिन्हें ग्रीन झोन में बदलने के लिए तेजी कार्य किया जा रहा है। प्रयास यही है कि जल्द से जल्द येलो झोन गांवों से भी महामारी खत्म पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए,ताकि आम जनता सुकून से जीवन व्यतीत कर सकें। प्रशासन के रिकॉर्ड के अनुसार इंदौर में 1 और महू में 1 रेड झोन गांव बचा है।इसके अलावा इंदौर में 20 येलो तथा महू में 14 येलो झोन गांव है। सांवेर और देपालपुर में एक भी रेड जोन गांव नहीं है।सांवेर में 14 और देपालपुर में 7 अभी भी येलो झोन गांव है। ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में जो ग्रीन जोन गांव है,उसमें देपालपुर के 172 गांवों में 165,इंदौर के 120 गांवों में 99,सांवेर के 143 गांवों में 129 तथा महू के 174 गांवों में 159 गांव ग्रीन झोन में है। उल्लेखनीय है कि गत 22 मई तक कुल 609 गांव में 93 रेड,149 येलो तथा मात्र 367 गांव ही ग्रीन झोन में थे।
रेड व येलो झोन गांव में आवाजाही पर जारी रहेगी रोक
जिला प्रशासन का प्रयास है कि जितने भी रेड और येलो झोन गांव बचे है,उनको भी जल्द से जल्द ग्रीन जोन में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। जिला पंचायत सीईओ हिमांशु चंद्र ने बताया कि लापरवाही किसी प्रकार की बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रेड और येलो जोन गांव में अभी भी आवाजाही पर रोक जारी रहेगी। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सहित जनपद पंचायत की टीम गांव में जाकर रोज सैंपलिंग करेगी और जो भी संक्रमित मरीज मिलेगा,उसे तत्काल कोविड सेंटरों में भेजा जाएगा।
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