उज्जैन। कोरोना के केस शहर और जिले में अब डेढ़ी से दोगुनी रफ्तार से बढऩे लगे हैं। एक दिन पहले जिले में 35 केस सामने आए थे तो बीती रात 50 और नए मामले सामने आ गए। संक्रमण की रफ्तार इतनी है कि 4 दिन में ही 107 नए केस मिल गए हैं। कोरोना फैलने की यह गति अब जिले को लॉकडाउन की तरफ ले जाती दिख रही है। इसके बावजूद भी लोग नहीं संभले तो अगले हफ्ते तक हालात बेकाबू हो सकते हैं। तीसरी लहर की शुरुआत के दौरान शहर और जिले में लोगों द्वारा कोरोना को लेकर बरती गई लापरवाहियाँ अब तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण के रूप में सामने आने लगी है। विशेषज्ञ एक माह पहले ही सचेत कर चुके हैं कि कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन भले ही संक्रमित व्यक्ति की मौत के प्रतिशत में काफी कम हो लेकिन इसके फैलने की गति कई गुना ज्यादा है। समय रहते अगर शहर और जिले के लोगों ने भीड़ भरे आयोजनों से दूरी बनाने के साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंस रखने की आदत नहीं छोड़ी होती तो आज उज्जैन शहर में ऐसे हालात न होते। हालांकि शहर और जिले में कोरोना की तीसरी लहर फैलाने में स्थानीय लोगों से ज्यादा बाहर से संक्रमित होकर आए लोग ज्यादा जवाबदार हैं।
8 दिसंबर को जब सूरत से लौटे तीन बत्ती चौराहे पर रहने वाले बुजुर्ग दंपत्ति बगैर जानकारी दिए शहर में प्रवेश कर गए थे और उन्हें सायबर सेल की मदद से ट्रेस करना पड़ा था। इसी तरह के लोगों ने शहर और जिले को कोरोना की तीसरी लहर में झोंका है। इनके बाद से लेकर कल शाम तक कोरोना के 170 मामले नए आ चुके हैं। इनमें से 44 लोग ऐसे हैं जो देश के अन्य राज्यों या विदेश से संक्रमित होकर आए हैं तथा यहाँ उन्होंने अपने संपर्क में आए लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को संक्रमण दिया है। बाहर से आने वाले लोगों के संपर्क में आए ऐसे कोरोना के अभी 25 मामले सामने आ चुके हैं। इधर विशेषज्ञों की चेतावनी के बावजूद स्थानीय लोगों ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया और बाहर से आ रहे लोगों के संपर्क में आए। अगर समय रहते सावधानियाँ बरती जाती तो आज यह स्थिति नहीं होती।
तीन दिन में शतक पार हुए नए केस
जिला कोरोना नियंत्रण नोडल अधिकारी डॉ. एच.पी. सोनानिया ने बताया कि तीसरी लहर में भले ही कोरोना के मरीज सामान्य लक्षण वाले मिल रहे हैं लेकिन इन्हीं लोगों में अपने संपर्क में आ रहे लोगों को 200 से 300 प्रतिशत तक संक्रमण पहुँचाने की क्षमता है। इसका उदाहरण पिछले तीन दिनों में शहर और जिले में मिले कोरोना के केस के आंकड़े देखकर समझा जा सकता है। 4 जनवरी को जिले में कोरोना के 22 नए केस आए थे। इसके अगले दिन इससे लगभग डेढ़ गुना 35 मरीज मिले थे, वहीं कल रात इससे भी डेढ़ गुना 50 और नए मामले सामने आ गए। इन तीन दिनों में ही कोरोना के 107 केस संक्रमण की रफ्तार को समझने के लिए काफी हैं।
4 मरीजों को छोड़ बाकी होम आईसोलेटेड
लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बावजूद कोविड अस्पतालों में अभी भी बड़ी संख्या में बेड खाली हैं। माधवनगर अस्पताल के कुल 206 बेड में से 4 पर ही कोरोना मरीजों का उपचार चल रहा है। कुछ मरीजों का आरडी गार्डी में भी भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। शहर के कई निजी अस्पतालों में अब 3 से 4 कोरोना के मरीज भर्ती होने लगे हैं। इधर कल रात आए 50 नए मरीजों के बाद भी सामान्य लक्षणों के चलते कुल 157 एक्टिव मरीजों में से 4 को छोड़कर बाकी को होम आईसोलेशन में रखकर उपचार दिया जा रहा है।
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