नई दिल्ली । नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) पर किसान आंदोलन (Farmers Protest) के 25वें दिन एक बार फिर सरकार ने वार्ता के प्रयास तेज कर दिए हैं. एक तरफ किसानों ने भूख हड़ताल का ऐलान किया है तो वहीं सरकार ने किसानों को पांच पेज का पत्र भेजा है. सरकार की तरफ से किसानों को भेजी गई चिट्ठी में सिलसिलेवार तरीके से अब तक की हुई वार्ता की मुख्य बातें और बात न बन पाने के कारणों का जिक्र है तो एक बार फिर बैठ कर बीतचीत से मसला हल करने के लिए आंमत्रण भी है.
‘अगली बैठक की तारीख तय करें’
भारत सरकार की तरफ से संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने ये चिट्ठी क्रांतिकारी किसान यूनियन (पंजाब) के अध्यक्ष डॉ दर्शनपाल को लिखी है. इसके आलावा 39 अन्य किसान नेताओं को भी ये चिट्ठी भेजी गई है. किसानों को भेजी गई चिट्ठी में केंद्र सरकार ने शुरुआत से लेकर अब तक क्या-क्या कदम उठाए हैं इसका पूरा ब्यौरा दिया है. केंद्र सरकार ने एक बार फिर किसानों से अपील की है कि वह सरकार द्वारा प्रस्तावित बिंदुओं पर विचार करके बातचीत की तारीख का सुझाव दें ताकि आंदोलन (Farmers Protest) जल्द समाप्त हो सके.
‘किसानों का जवाब स्पष्ट नहीं’
केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि किसान नेता दर्शन पाल ने जो ईमेल के जरिए सरकार के प्रस्ताव पर जवाब भेजा है वह बहुत ही संक्षिप्त है और उसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं है. किसानों की तरफ से जवाब में न तो यह स्पष्ट किया गया है कि सरकार के प्रस्ताव पर वह क्या सोचते हैं और उनका क्या निर्णय है. न ही उसमें यह स्पष्ट है कि सरकार के प्रस्ताव पर कौन-कौन से किसान संगठन क्या मत रखते हैं.
कृषि मंत्री कर सकते हैं मुलाकात
दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा, नये कृषि कानूनों (New Farm Laws) को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Sigh Tomar) के एक-दो दिन में मुलाकात करने की संभावना है. शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं समय के बारे में पूरी तरह से अवगत नहीं हूं, लेकिन किसानों के प्रतिनिधियों से उनकी मांगों पर चर्चा के लिए तोमर के कल (सोमवार) या परसों (मंगलवार) मुलाकात करने की संभावना है.’
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