नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ जारी जंग में अब भारत को एक और नया हथियार मिल गया है। बच्चों के वैक्सीनेशन (vaccination) में तेजी लाने के मकसद से भारतीय औषधि महानियंत्रक (Indian Drugs Controller General) ने बायोलॉजिकल ई की कोरोना वैक्सीन कॉर्बेवैक्स (Corona Vaccine Corbevax) को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है। देश में यह वैक्सीन 12 से 18 साल के बच्चों को लगाई जाएगी। भारत का तीसरा घरेलू कोविड -19 वैक्सीन, कॉर्बेवैक्स दो खुराक में दिया जाएगा।
ओमिक्रॉन से देश में आई तीसरी लहर के बाद संक्रमण में गिरावट के बीच जैविक ई कोविड19 वैक्सीन कॉर्बेवैक्स को अंतिम मंजूरी दे दी गई है। अभी तक देश में कोरोना महामारी के खिलाफ ज्यादातर कोवैक्सीन, कोविशील्ड, स्पुतनिक वी वैक्सीन का प्रयोग किया जा रहा है। हैदराबाद की फार्मास्युटिकल कंपनी ने सोमवार को जानाकारी दी कि उसकी कोरोना वैक्सीन कॉर्बेवैक्स को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल गई है जो कि देश की तीसरी घरेलू वैक्सीन है।
कॉर्बेवैक्स वैक्सीन को मंजूरी मिलने से पहले टीकाकरण पर निगरानी के लिए बनी राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा (Dr. NK Arora) ने कहा था कि कॉर्बेवैक्स पूरी तरह से सुरक्षित है और यह वैक्सीन दूसरी वेक्टर टीकों की तुलना में अच्छी एंटीबॉडी बनाती है। पिछले सप्ताह ही सेंट्रल ड्रग रेग्युलेटर की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (subject expert committee) ने 12 से 18 साल के बच्चों के लिए कुछ शर्तों के साथ बायोलॉजिकल-ई की कोरोना वैक्सीन Corbevax को इमरजेंसी यूज की मंजूरी देने की सिफारिश की थी। इसके बाद अंतिम मंजूरी के लिए इसे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को भेजा गया था।
कंपनी के क्वालिटी एंड रेग्युलेटरी मामलों के प्रमुख श्रीनिवास कोसाराजू (Chief Srinivas Kosaraju) ने कहा कि कंपनी को कोर्बेवैक्स का पांच से 18 साल तक के बच्चों पर दूसरे-तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रॉयल की अनुमति पिछले साल सितंबर में मिली थी। कोर्बेवैक्स टीका मांसपेशियों के जरिए शरीर में पहुंचाया जाएगा और 28 दिन में इसकी दो डोज लेनी होंगी।
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