भोपाल। प्रदेश सरकार बागली को जल्द ही जिला बनाने की अधिसूचना जारी करेगी। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा घोषित मैहर, चाचोड़ा और नागदा को फिलहाल जिला नहीं बनाया जाएगा। है। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि अल्पमत की कमलनाथ सरकार का तीन नए जिले बनाने का फैसला असंवैधानिक था।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हाल में बागली को जिला बनाने की घोषणा की है। जल्द ही राजस्व विभाग नए जिले का गठन करने के लिए अधिसूचना जारी कर दावे-आपत्ति बुलाएगा। इनकी सुनवाई करने के बाद इस दिशा में अंतिम कार्रवाई होगी। बागली के जिला बनने के बाद प्रदेश में जिलों की कुल संख्या 53 हो जाएगी।
तीन जिले बनाने की हुई थी घोषणा
दरअसल, क्षेत्रीय भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी मैहर को, कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह चाचौड़ा को और कांगे्रस विधायक दिलीप सिंह गुर्जर नागदा को जिला बनाने की मांग लंबे समय से कर रहे थे। लक्ष्मण सिंह तो चाचौड़ा को जिला बनाने की मांग को लेकर पिछले साल अपने भाई और पूर्व सीएम दिग्विजय के बंगले पर समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए थे। मार्च में जब कांग्रेस सरकार संकट में घिरी, तो आनन-फानन में 18 मार्च को हुई कैबिनेट में मैहर, चाचौड़ा और नागदा को जिला बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इन शहरोंं को जिला बनाने की दिशा में आगे कोई कार्रवाई हो पाती, इससे पहले कमलनाथ ने सीएम के पद से त्याग पत्र दे दिया और सरकार गिर गई। तीन नए जिलों का गठन नहीं होने से यहां के स्थानीय विधायकों की मेहनत और हसरतों पर पानी फिर गया है।
शिवराज ने की थी घोषणा
नागदा से विधायक दिलीप सिंह गुर्जर का कहना है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विस चुनाव से पहले नागदा को जिला बनाने की घोषणा की थी। कई केंद्रीय मंत्री भी समय-समय पर इसकी घोषणा करते आए हैं। नागदा को जिला बनाने में भाजपा-कांग्रेस कहां से आ गई। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है, तो यह क्षेत्र की जनता के साथ धोखा होगा।
इसलिए पीछे हट रही सरकार
शिवराज सिंह चौहान के पिछले कार्यकाल में भी नागदा, मैहर व चाचौड़ा को जिला बनाने की मांग उठती रही है। सूत्रों का कहना है, चूंकि इन तीनों शहरों को जिला बनाने के प्रस्ताव को पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार केसमय मंजूरी दी गई थी, इसलिए अभी भाजपा सरकार इन शहरों को जिला बनाने की दिशा में कार्रवाई नहीं कर रही है। सरकार का मानना है कि यदि अभी इन तीन शहरों को जिला बनाया जाता है, तो इसका क्रेडिट कांग्रेस ले जाएगी और वह इस मुद्दे को चुनाव में भुनाएगी। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि कमलनाथ सरकार ने जाते-जाते बहुत सारे लोगों को उपकृत करने के लिए असंवैधानिक तरीके से बहुत सी नियुक्तियां कर दी थीं। इसी कड़ी में तीन जिले बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी। जब सरकार अल्पमत में होती है, तो इस प्रकार के फैसले नहीं किए जा सकते। ऐसा करना असंवैधानिक है। जब कमलनाथजी 15 महीने सरकार में रहे तो न उन्हें जिलों की याद आई और न ही निगम-मंडलोंं में नियुक्तियों की याद आई। जब आप चला-चली की बेला में आए, तो इस प्रकार के असंवैधानिक निर्णय ले लिए।
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