इंदौर। एक अहम कदम उठाते हुए केंद्र सरकार के सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इंदौर की ग्रेटर रिंग रोड के पश्चिमी हिस्से को बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन का प्रकाशन करते हुए सरकार ने जमीन अधिग्रहण के लिए संबंधित तहसीलों के अनुविभागीय अधिकारियों को अधिकृत कर दिया है। पश्चिमी रिंग रोड के लिए हातोद, सांवेर, देपालपुर, पीथमपुर और धार के 39 गांवों की जमीनें ली जाएंगी। यह रोड 64 किलोमीटर लंबी होगी। इसके लिए लगभग 500 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। 23 अक्टूबर को जारी अधिसूचना में उन गांवों का उल्लेख है, जिनकी जमीनें रिंग रोड निर्माण के लिए ली जाना हैं।
सिक्स लेन चौड़ा बनाने की कोशिश
नेशनल हाईवेज अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) के रीजनल ऑफिसर एसके सिंह ने अग्निबाण को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पहले नोटिफिकेशन के बाद एक और नोटिफिकेशन जारी होगा। उसके बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। कोशिश है कि पश्चिमी रिंग रोड को सिक्स लेन चौड़ा बनाया जाए।
इन गांवों की जमीनें लेंगे
– हातोद (जिला इंदौर) अरनिया, उषापुरा, पलादी, मिर्जापुर, बड़ोदिया पंथ, सिकंदरी, अकसोदा, कराडिय़ा, पलासिया, नहरखेड़ा, जिंदाखेड़ा, बसांद्रा, जंबूदी सरवर, अजनोटी और मांगलिया अरनिया।
– सांवेर- (जिला इंदौर) धतूरिया, बालोदा टाकुन, रतनखेड़ी, सोलसिंदा, कट्टक्या, कढ़वा, ब्राह्मण पीपल्या, मुंडला हुसैन, जैतपुरा, पीरकराडिय़ा, बरलई जागीर, सुकल्या काशीपुरा।
– देपालपुर (जिला इंदौर) बड़ौदा पंथ, अंबापुरा, किशनपुरा, लालेंदीपुरा, रोलाई, बेटमाखुर्द और मोहना।
– पीथमपुर (जिला धार) जमोदी, बरदरी।
– धार (जिला धार) अकोलिया, खंडवा, कल्याणसीखेड़ी।
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