भोपाल। मप्र विधानसभा द्वारा की जा रही भर्ती में दिव्यांगों को आरक्षण नहीं देने पर न्यायालय आयुक्त नि:शक्तजन मप्र ने प्रमुख सचिव विधानसभा को नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा है कि मप्र शासन द्वारा भर्तियों में दिव्यांगों को 6 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है, लेकिन विधानसभा सचिवालय ने दिव्यांगों को आरक्षण देने के प्रावधान का पालन नहीं किया है।
प्रमुख सचिव विधानसभा को भेजे नोटिस में उल्लेख है कि विधानसभा सचिवालय द्वारा नियुक्तियों को लेकर जो सूचना जारी की गई है। उसमें अनारक्षित, अजा , जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देने का प्रावधान है, लेकिन दिव्यांगों को आरक्षण देने का प्रावधान नहीं किया गया है। आयुक्त नि:शक्त मप्र संदीप रजक ने प्रमुख सचिव विधानसभा को भेजे नोटिस में दिव्यांगों केा नियमानुसार 6 फीसदी आरक्षण देने की अनुशंसा की है। साथ ही आयुक्त ने प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को भी इस संबंध में संज्ञान लेने की सिफारिश की है।
इन पदों पर भर्ती करवा रही विधानसभा
मप्र विधानसभा ने पिछले महीने 55 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। जिसमें से सहायक ग्रेड-2 के 40 पद, स्टेनो टाईपिस्ट के 2 पद एवं सुरक्षा गार्ड के 13 पदों पर नियुक्ति होना है। सूत्रों ने बताया कि विधानसभा खुद भर्ती प्रक्रिया न अपनाकर निजी कंपनी केा भर्ती का जिम्मा सौंपा है। विधानसभा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सचिवालय के अधिकारियों ने जिस निजी कंपनी को सरकारी भर्ती का काम दिया है, वह छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी भर्ती कर रही है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में टीसीएस कंपनी भर्ती प्रक्रिया कर रही है। हालांकि मप्र विधानसभा सचिवालय के अफसरों ने भर्ती करने वाली कंपनी का नाम बताने से इंकार कर दिया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved