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मेडिकल की सीटें अनारक्षित कोटे में बदलने पर सरकार को नोटिस

April 30, 2022

भोपाल। प्रदेश के इन-सर्विस कोटे की 30 फीसदी मेडिकल सीटों को अनारक्षित कोटे में परिवर्तित करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। शीर्ष कोर्ट के जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ एवं जस्टिस हेमा कोहली की युगलपीठ ने मप्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब मांगा है। डा. शालिनी अग्रवाल व अन्य ने याचिका दायर कर कहा कि राज्य शासन द्वारा इस वर्ष की मेडिकल प्रवेश काउंसलिंग में दूसरे चरण के पश्चात इन-सर्विस कोटे की सभी सीटों को सामान्य कोटे में परिवर्तित कर दिया है।



इस मामले में मप्र हाईकोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दी थीं। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मेडिकल प्रवेश नियम 2018 के नियम 4 एवं 14 की सम्मिलित व्याख्या के चलते शासन उचित रूप से दूसरे चरण के पश्चात इन-सर्विस कोटे की सभी सीटों को अनारक्षित कोटे में परिवर्तित कर सकता है एवं इसमें किसी भी तरीके की त्रुटि नहीं मानी जा सकती। याचिकाकर्ता डाक्टरों की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता एवं अभिकल्प प्रताप सिंह ने पैरवी की। गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा सभी मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटों में 30 प्रतिशत कोटा इन-सर्विस डाक्टरों हेतु निर्धारित किया जाता है, जिसमें उन्हीं डाक्टरों को प्रवेश दिया जाता है, जो कि प्रदेश में 3 वर्ष से अधिक दूरस्थ, ग्रामीण एवं दुर्लभ क्षेत्रों में शासकीय चिकित्सक के रूप में सेवाएं देते है। परन्तु इस वर्ष दूसरे चरण की काउंसलिंग के पश्चात 30 फीसदी के कोटे की सभी सीटों को सामान्य कोटे की संबंधित श्रेणी में परिवर्तित कर दिया गया।

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