नई दिल्ली। भारत में एप्पल, गूगल, एमेजॉन, नेटफ्लिक्स और माइक्रोसॉफ्ट के शीर्ष भारतीय अधिकारी मंगलवार को संसदीय समिति के समक्ष पेश होंगे। इन कंपनियों को लोकसभा सचिवालय की और से डिजिटल क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों की जांच के लिए नोटिस दिया गया है।
बता दें कि हाल ही में विभिन्न टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म और फर्म्स में तालमेल नहीं होने को लेकर शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद से इस मामले में कॉम्पिटिशन के विभिन्न पहलुओं पर जांच की जा रही है। दरअसल, इस मामले की जांच करने के लिए वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति बनाई गई है। यह समिति टेक मार्केट में कॉम्पिटिशन के विभिन्न पहलुओं और डिजिटल क्षेत्र में कॉम्पिटिशन विरोधी गतिविधियों की जांच कर रही है। समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा ने सोमवार को यह जानकारी दी है।
सिन्हा ने कहा कि एप्पल, गूगल, एमेजॉन, नेटफ्लिक्स और माइक्रोसॉफ्ट की भारतीय इकाइयों के शीर्ष अधिकारियों को मंगलवार को इस संसदीय समिति के समक्ष बैठक में पेश होने के नोटिस जारी किए गए हैं। इस नोटिस के अनुसार इस बैठक का एजेंडा बड़ी टेक कंपनियों द्वारा प्रतिस्पर्धा विरोधी प्रैक्टिस के विषय पर बड़ी टेक कंपनियों के मौखिक साक्ष्य की जानकारी प्राप्त करना है।
सिंहा ने कहा कि समिति इससे पहले ही इस मुद्दे पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI), कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय और भारतीय तकनीकी फर्मों के साथ विचार-विमर्श कर चुकी है। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) और Zomato के प्रतिनिधि, ई-कॉमर्स प्लेटफार्म फ्लिपकार्ट के साथ कैब एग्रीगेटर ओला, होटल एग्रीगेटर ओयो (Oyo) और ऑल इंडिया गेमिंग एसोसिएशन उन लोगों में से हैं जिन्हें इस पैनल द्वारा पहले ही बुलाया जा चुका है।
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