भोपाल। प्रदेश में मॉल में पार्किंग के नाम पर अवैध रूप से वसूली की जा रही है। इस पर रोक लगाने के लिए राज्य उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर की गई है। जिसके आधार पर फोरम ने मॉल को नोटिस जारी किया है। याचिका में मॉल्स पर या आरोप है कि वे गैर कानूनी रूप से बिना किसी ऑथराइजेशन के बिना आम जनता से मॉल में ख्ररीददारी करने वाले लोगों से जबरदस्ती पार्किंग का शुल्क वसूलते हैं। नगर निगम भोपाल में आरटीआई के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त हुई कि निगम ने भोपाल में किसी भी मॉल को पार्किंग वसूलने का कोई परमिशन या लाइसेंस नहीं दिया है। फोरम में अधिवक्ता सचिन नायक और अधिवक्ता गौरव राज भगत ने याचिका लगाई है।
टीएंडसीपी मुफ्त पार्किंग की शर्त पर देता है अनुमति
टी एंड सीपी द्वारा परियोजना की स्वीकृति। सेवा के एक भाग के रूप में ग्राहकों को पर्याप्त पार्किंग स्थान प्रदान करने की शर्तों के अधीन है। क्योंकि एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स (मॉल) की किसी भी परियोजना के अनुमोदन के लिए पूर्व-आवश्यकता में एक आवश्यक भाग के रूप में मुफ्त ‘पार्किंग सुविधा’ शामिल है।
गुजरात हाईकोर्ट दर्ज करा चुका है केस
बीएलबी मॉल मैनेजमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड वीएस वड़ोदरा महानगर सेवा सदन में गुजरात के माननीय उच्च न्यायालय में इसी तरह के एक मामले में, वड़ोदरा शहर के संबंधित पुलिस अधिकारियों ने मॉल मालिकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 339 के तहत अपराध दर्ज किया। पुलिस ने एक तर्क दिया कि पार्किंग स्लॉट में अपने वाहनों को पार्क करने के लिए ग्राहकों से जबरन भारी पार्किंग शुल्क वसूलना गलत अवरोध के समान है, जिससे अपराध बनता है। माननीय न्यायालय ने आगे कहा कि मॉल मालिक जीडीसीआर का उल्लंघन कर रहे हैं। जीडीसीआर मप्र के नगर निगम नियमों के समान सामान्य विकास परिषद विनियमन नियम 2017 के लिए खड़ा है, जिसमें पार्किंग शुल्क लेने के लिए मॉल मालिकों को लाइसेंस जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारी संबंधित नगर निगम / नगर परिषद / शहर का निगम है।
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