इंदौर, कमलेश्वर सिंह सिसोदिया। शहरी क्षेत्र (urban area) के कई सरकारी स्कूलों में शिक्षक (teachers in schools) समय पर शाला नहीं पहुंचते और कुछ ऐसे भी हैं, जो कभी-कभार ही स्कूल का रुख करते हैं। शिकायतों के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने पिछले दिनों तीन स्कूलों का निरीक्षण किया और 50 से ज्यादा शिक्षकों को नोटिस (notice to teachers) जारी किए गए। अब इनसे जवाब लिया जा रहा है, जो संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं देंगे, उनका वेतन रोका जाएगा।
शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को लगातार शिकायत मिल रही थी कि शहर के स्कूलों में शिक्षक नियमित नहीं आते। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश मिले। उन्होंने स्कूलों का औचक निरीक्षण शुरू कर दिया। इसमें राजवाड़ा स्थित कस्तूरबा हाई सेकंडरी स्कूल, शासकीय अत्रीदेवी स्कूल और हातोद के 3 सरकारी स्कूलों में ही यहां पदस्थ शिक्षक निरीक्षण के दौरान गायब मिले। ऐसे 50 शिक्षको को नोटिस जारी किए गए हैं। इनसे स्कूलों में गायब रहने का जवाब मांगा गया है। अधिकारियों की माने तो जिन शिक्षकों का जवाब व्यावहारिक नहीं होगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और वेतन भी रोका जाएगा। बताया जाता है कि 30 से ज्यादा शिक्षकों ने अपने जवाब प्राचार्य को दे दिए हैं।
शहरी क्षेत्र में शिक्षकों की भरमार, ग्रामीण क्षेत्र खाली
शहरी क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है। शहरी क्षेत्र में हर शिक्षक अपनी पोस्टिंग चाहता है। इसके लिए दबाव-प्रभाव भी खूब चलते हैं। इसके उलट ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्कूल हैं, जहां शिक्षकों की संख्या न्यूनतम है। यहां कोई जाना नहीं चाहता और शहर के स्कूलों के शिक्षक व्यक्तिगत कार्यों में व्यस्त रहते हैं। अब ऐसे शिक्षकों पर विभाग की पैनी नजर रहेगी।
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