बेंगलुरु । कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) ने मतदाता पहचान पत्र घोटाले में (In Karnataka Voter ID Scam) बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के मुख्य आयुक्त (Chief Commissioner) तुषार गिरिनाथ (Tushar Girinath) को नोटिस जारी किया (Notice Issued) । सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, तुषार गिरिनाथ को बेंगलुरु के हलासुरु गेट पुलिस थाने की जांच में शामिल होने के लिए एक नोटिस जारी किया गया है। सूत्रों ने कहा कि नोटिस आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र को जोड़ने के संबंध में है।
सूत्रों ने कहा कि जांच के दौरान चिलूम संस्थान से जुड़े आरोपी (जो अब घोटाले के सिलसिले में रडार पर हैं) ने कहा कि उन्होंने इस आदेश के तहत आधार कार्ड विवरण के इनपुट एकत्र किए। पुलिस ने 45 क्षेत्रीय अधिकारियों और सहायक क्षेत्रीय अधिकारियों से पूछताछ की है। इनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य आरओ और एआरओ को गिरफ्तारी का डर सता रहा है।
कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा (जिस पर विपक्षी कांग्रेस द्वारा मतदाता सूची में हेरफेर करने और अपने लाभ के लिए डेटा चोरी करने का आरोप लग रहा है) ने भी केंद्रीय चुनाव आयोग के पास मतदाता पहचान पत्र घोटाले की जांच के लिए शिकायत दर्ज कराई थी। अपने राजनीतिक लाभ के लिए राज्य में मतदाता सूची से 27 लाख नाम हटाने पर कर्नाटक कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर सवाल उठाया था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने सवाल किया था कि बिना फॉर्म-7 के डिलीशन्स किया जाता है जो कि अनिवार्य है।
घोटाले के संबंध में कई कानूनी मुद्दे हैं। किसी के लिए मतदाताओं का विवरण प्राप्त करने का कोई प्रावधान नहीं है। राज्य में 8,250 चुनावी बूथ हैं। उन्होंने जांच के लिए हर बूथ पर एक व्यक्ति की प्रतिनियुक्ति करने की मांग की थी। उन्होंने कहा, “चिलूम संस्थान के कर्मचारियों के साथ-साथ 7,000 से अधिक व्यक्तियों को अनुबंध के आधार पर काम पर रखा गया था। 28 विधानसभा क्षेत्रों के सभी चुनाव अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।”हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उसके नेताओं की जलन का कारण पड़ोसी राज्यों से 1.50 लाख से अधिक नकली मतदाताओं को हटाना है। पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं को बसाया है।
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