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    आदेश के 5 साल बाद भी एक कर्मचारी को नहीं किया नियमित

  • January 02, 2022

    • वन विभाग में खाली पड़े हैं हजारों पर पद

    भोपाल। प्रदेश के वन विभाग में सरकार के आदेश का कोई पालन नहीं किया जाता है इसका जीता जागता उदाहरण है कि सरकार ने 7 अगस्त 2016 को आदेश जारी करके विभागों को निर्देश दिए थे कि विभाग में रिक्त पदों पर स्थाई कर्मियों को नियमित किया जाए लेकिन सरकार के आदेश की 5 साल बाद भी वन विभाग के 16 वन वृतों में कार्यरत 7000 स्थाई कर्मियों में से किसी एक को भी नियमित नियुक्ति नहीं दी गई है जबकि विभाग में हजारों पद रिक्त पड़े हैं ।



    मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि, प्रदेश के 70 वन मंडलों सात अभयारण्यों में 10-10, 20-20 सालों से 7000 स्थाई कर्मी कार्यरत हैं। सरकार के आदेश अनुसार इन को नियमितकरण की पूर्ण पात्रता है, फिर भी वन अधिकारियों द्वारा शासन आदेश का पालन नहीं करते हुए किसी भी स्थाई कर्मी को रिक्त पद पर नियमित नियुक्ति नहीं दी है। यहां तक कि 3 सितंबर 2021 को सामान्य प्रशासन विभाग ने जब समस्त विभाग अध्यक्षों एवं कलेक्टरों से स्थाई कर्मियों के नियमितीकरण करने के संबंध में जानकारी मांगी तो वन विभाग के वन वृत्त बैतूल छतरपुर छिंदवाड़ा होशंगाबाद शहडोल ने तो मुख्यालय तक को नियमित करने के संबंध में जानकारी नहीं भेजी। इस कारण प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पुन: पत्र जारी कर तत्काल नियमितकरण की जानकारी मांगी गई है। वन अधिकारी शासनादेशों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं और स्थाई कर्मियों के नियमितीकरण अधिकार का हनन कर रहे हैं।

    वन मुख्यालय ने मांगी जानकारी
    मप्र कर्मचारी मंच ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को ज्ञापन सौंपकर नियमित करने की कार्यवाही 70 वन मंडलों में और सात अभयारण्यों में करने की मांग की थी। उसी ज्ञापन के संदर्भ में वन मुख्यालय ने समस्त मुख्य वन संरक्षक एवं वन मंडल अधिकारियों को सख्त कारवाई कर तत्काल जानकारी भेजने के निर्देश जारी करें है। यदि अब भी वन अधिकारियों द्वारा 7000 स्थाई कर्मियों को नियमित करण करने की कार्यवाही नहीं की तो मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच वन मुख्यालय में आंदोलन करेगा जिसकी जिम्मेदारी वन विभाग की होगी।

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