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    शहर ही नहीं, इंदौर के गांव भी स्मार्ट, ऑटोमेशन सिस्टम से पानी की मॉनिटरिंग

  • February 08, 2023

    • 344 गांवों को मोबाइल एप से जोड़ा, टंकियों को भरने वाले मोटर पम्प स्वत: चालू-बंद होते हैं…फिजुलखर्ची पर भी रोक

    इंदौर (Indore)। शहर में तो नर्मदा परियोजना (Narmada Project) के तहत स्कोडा सिस्टम से मॉनिटरिंग की जाती है, तो जिले के गांव भी अब स्मार्ट हो गए, जहां पर प्रत्येक नल-जल योजना (tap water scheme) के लिए ऑटोमेशन सिस्टम लागू कर दिया है और 334 गांवों को मोबाइल एप्लीकेशन से अब तक जोड़ा जा चुका है। मोटर पम्प चालू-बंद करने की पूरी प्रक्रिया स्वत: संचालित होती है और संबंधित अधिकारियों (relevant authorities) व अन्य व्यक्तियों के मोबाइल नम्बर भी ग्रामवार एप में दर्ज किए हैं, जिसे टच करने पर सीधे फोन लग जाता है। पम्प ऑपरेटर को भी आरवीआरएस सिस्टम से जोड़ा गया है।

    कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी की पहल पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने यह नवाचार किया है, जिसके तहत ऑटोमेशन में सीम आधारित मास्टर डिवाइस सम्पवेल में लगाए जा रहे हैं। उच्चस्तरीय टंकी में सेंसर 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत, 75 प्रतिशत एवं 100 प्रतिशत के लेवल पर लगाये गये हैं एवं सम्पवेल में 0 प्रतिशत, 50 प्रतिशत एवं 100 प्रतिशत के लेवल पर लगाये गये हैं। पी.एच.ई. के कार्यपालन यंत्री सी. के. उदिया ने बताया है कि जब उच्चस्तरीय टंकी 100 प्रतिशत भर जाती है तो सम्पवेल की मोटर स्वत: बन्द हो जाती है एवं जब सम्पवेल 100 प्रतिशत भर जाता है तो ट्यूबवेल की मोटर स्वत: बन्द हो जाती है। जब उच्चस्तरीय टंकी का जलस्तर 75 प्रतिशत से नीचे आ जाता है तो सम्पवेल की मोटर स्वत: चालू हो जाती हैं एवं सम्पवेल का जलस्तर 50 प्रतिशत से नीचे आ जाता है तो ट्यूबवेल की मोटर स्वत: चालू हो जाती है। यह प्रक्रिया रात्रिकालीन समय में भी अनवरत चलती रहती है मोटर चालू/बन्द करने के लिए ऑपरेटर की आवश्यकता नहीं होती है।


    इस ऑटोमेशन सिस्टम के माध्यम किसी भी ग्राम उच्चस्तरीय टंकी से किस समय जलप्रदाय हुआ है इसकी भी मॉनिटरिंग की जाती है। इस ऑटोमेशन के लिए एक एप्लीकेशन तैयार किया गया है जो गूगल प्लेस्टोर पर पीएचईडी के नाम से उपलब्ध है। इस ऑटोमेशन सिस्टम के माध्यम से किस ग्राम में मोटरपंप चालू अथवा बन्द है यह देखा जा सकता है। इस मोबाईल एप्लीकेशन में अब तक इन्दौर जिले के 334 ग्रामों को जोड़ा जा चुका है। जैसे-जैसे योजनाएं 100 प्रतिशत पूर्ण हो रही है उन योजनाओं में भी यह ऑटोमेशन सिस्टम स्थापित किया जा रहा है। इस ऑटोमेशन सिस्टम के माध्यम से ग्राम में मोटरपंप चलने की प्रतिदिन की अवधि प्रदर्शित होती है। जिससे किस-किस ग्राम में कितने समय तक जलप्रदाय किया गया है, कि जानकारी दर्शित होती है। यह सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि उच्चस्तरीय टंकी में हर समय आपूर्ति के लिए पानी उपलब्ध रहे। इस सिस्टम से मोटर की सुरक्षा बढ़ जाती है जिसके परिणामस्वरूप योजना के संधारण में कम खर्च लगता है। ग्राम में पानी की आपूर्ति के रिकार्ड को ट्रैक करने और जल की उपलब्धता को बनाए रखने में मदद करता है। यह सिस्टम उच्चस्तरीय टंकी एवं सम्पवेल भरने पर स्वचलित रूप से मोटर बन्द कर देता है। जिससे पेयजल को ओवर फ्लो होने से बचाता है एवं जल की बचत करता है। यह ऑटोमेशन सिस्टम अत्यधित किफायती और फुलप्रूफ है। इस प्रणाली से छोटे गांवों की याजनाओं में क्रांति आई है।

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