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    PM किसान ही नहीं, बल्कि किसानों को मिलता है इन सरकारी योजनाओं का लाभ

  • June 18, 2024

    नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) मंगलवार को काशी की यात्रा (Trip to Kashi) पर गए हुए हैं और यहां उन्होंने पीएम-किसान की 17वीं किस्त (17th installment of PM-Kisan) जारी की है. लेकिन ये इकलौती योजना नहीं, जो सरकार किसानों के कल्याण के लिए चलाती है. इसके अलावा भी सरकार की कई योजनाएं हैं जो सीधे किसानों को फायदा पहुंचाती हैं. इन योजनाओं में किसानों की पेंशन से लेकर कृषि से जुड़े बिजनेस तक को सरकार का सपोर्ट मिलता है. इन योजनाओं की संख्या 25 से भी ज्यादा है. चलिए जानते हैं इनमें से कुछ प्रमुख योजनाओं के बारे में…

    पीएम-किसान वह योजना है जिसे सरकार ने 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लॉन्च किया था. इस योजना के तहत सरकार 3 बराबर की किस्तों में किसानों को हर साल 6,000 रुपए देती है. ये रकम सीधे उनके खाते में ट्रांसफर की जाती है. इस समय 9 करोड़ से ज्यादा गरीब किसानों को इस योजना का फायदा मिलता है. पीएम-किसान के अलावा सरकार किसानों के लिए ये योजनाएं भी चलाती है. इनमें से कुछ योजनाओं में सरकार सीधे किसानों को मदद करती है, वहीं कुछ में सरकार किसानों या उनके संगठनों को वित्तीय मदद देती है.

    पीएम-किसान मानधन योजना
    ये किसानों के लिए चलाई जाने वाली पेंशन योजना है. इसमें 18 से 40 साल की उम्र के किसानों को हर महीने 55 से 200 रुपए तक की किस्त जमा करनी होती है. इतनी ही रकम सरकार उनके पेंशन खाते में डालती है. इसके बाद 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर किसानों को 3,000 रुपए महीने की पेंशन मिलने लगती है. इसका फंड एलआईसी मैनेज करती है, जबकि रजिस्ट्रेशन कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) और राज्य सरकारें करती हैं.

    प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
    ये योजना किसानों को उनकी उपज के लिए बीमा कवर देती है. इसमें किसानों को बुवाई के पहले से लेकर कटाई के बाद तक लगभग हर तरह की प्राकृतिक आपदा से बीमा सुरक्षा मिलती है. इसे 2016-17 में शुरू किया गया था और सरकार अब तक 1,50,589.10 करोड़ रुपए का क्लेम बांट चुकी है.

    मोडिफाइड इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम
    सरकार एक इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम (ISS) भी चलाती हैं. इसमें किसानों को रियायती ब्याज पर शॉर्ट-टर्म का कृषि लोन दिया जाता है. ये लोन उन किसानों को मिलता है जो क्रॉप हसबैंडरी, एनिमल हसबैंडरी, डेयरी और मछली पालन करने वाले किसानों को मिलता है. इसमें 3 लाख रुपए तक का लोन 7% के वार्षिक ब्याज पर किसानों को मिलता है. अगर किसान अपने लोन की किस्त समय पर चुकाते हैं, तो उन्हें ब्याज में 3% की रियायत और मिलती है. इस तरह किसानों का 4% की ब्याज दर पर लोन मिल जाता है.

    एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड
    ये योजना सरकार के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का हिस्सा है. इसका मकसद गांवों में कृषि से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को दूर करना है. इसमें गोदाम के निर्माण से लेकर एग्रीकल्चर एलाइड बिजनेस को सपोर्ट करना शामिल है. इस फंड में सरकार ने शुरुआती रकम 1 लाख करोड़ रुपए रखी थी.

    10,000 एफपीओ का प्रमोशन
    केंद्र सरकार ने किसानों के ‘फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन’ (FPOs) बनाने की भी एक योजना शुरू की हुई है. देशभर में किसानों के 10,000 से ज्यादा एफपीओ बनाने और उनके प्रमोशन का लक्ष्य है. इस योजना के तहत सरकार एफपीओ को 3 साल के लिए 18 लाख रुपए तक की वित्तीय मदद देती है. साथ ही 2,000 रुपए प्रति किसान के हिसाब से हर एफपीओ को 15 लाख रुपए तक का इक्विटी ग्रांट भी मिलता है.

    राष्ट्रीय मुधमक्खी पालन और मधु मिशन
    देश में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने और प्राकृतिक शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ये योजना शुरू की गई है. इसके लिए 100 हनी एफपीओ बनाने, हनी सोसायटी, फर्म और कंपनी बनाने पर फोकस किया गया है. करीब 160 प्रोजेक्ट के लिए 202 करोड़ रुपए आवंटित भी किए जा चुके हैं.

    नमो ड्रोन दीदी
    इस योजना का बजट 1261 करोड़ रुपए का है. इसका मकसद 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों कृषि कार्यों (उर्वरक और कीटनाशक छिड़काव) के लिए ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण देना है. इसमें केंद्र सरकार ड्रोन और उससे जुड़ी एसेसरीज की 80 प्रतिशत लागत वहन करती है, जो अधिकतम 8 लाख रुपए प्रति स्वयं सहायता समूह है. इससे स्वयं सहायता समूह 1 लाख रुपए साल तक कमा सकते हैं.

    न्यूनतम समर्थन मूल्य और बाजार हस्तक्षेप योजना
    सरकार किसानों की उपज खरीदने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की पेशकश करती है. वहीं बाजार में दाम स्थिर रहे, इसके लिए सरकार अपने कोटे से समय-समय पर बाजार में उपज को रिलीज करती हैं.

    ऊपर बताई गई योजनाओं के अलावा सरकार किसानों के लिए कई और योजनाओं पर पैसा खर्च करती है. इसमें राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, सॉइल हेल्थ कार्ड, रेनफेड एरिया डेवलपमेंट, प्रति बूंद अधिक फसल, सूक्ष्म सिंचाई कोष, परंपरागत कृषि विकास योजना, सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन, क्रॉप रीसिड्यू मैनेजमेंट और एग्रो-फोरेस्ट्री जैसी योजनाएं इसमें शामिल हैं. वहीं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, सब-मिशन ऑन सीड एंड प्लांटिंग मैटेरियल, नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल, मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर, नेशनल बांस मिशन और डिजिटल एग्रीकल्चर इत्यादि योजनाएं भी किसानों के कल्याण से जुड़ी हैं.

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