नई दिल्ली: साल 2022 होने के बाद से सोने के दाम को पंख लगे हुए हैं. साल के पहले पखवाड़े में सोने के दाम (Gold Price) में करीब 750 रुपये की तेजी देखने को मिल चुकी है. वहीं चांदी इस दौरान पूरी तरह से फ्लैट है. चांदी के दाम (Silver Price) जनवरी के पहले दिन से अब तक 69,000 से 70 हजार के बीच झूल रहा है. जानकारों की मानें तो साल 2023 सोने के साथ चांदी भी काफी अहम है.
मौजूदा साल में चांदी की कीमत में 25 से 30 हजार रुपये का इजाफा देखने को मिल सकता है. इसका मतलब है कि साल 2023 के अंत तक चांदी की कीमत 95 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक पहुंच सकते हैं. अब सवाल से है कि एक्सपर्ट इस साल चांदी पर बेट करने को क्यों बोल रहे हैं? क्या वाकई चांदी के दाम में इतनी बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है? वो कौन-कौन से कारण है जिसकी वजह से चांदी के दाम में तेजी देखने को मिल सकती है?
आखिर किन कारणों की वजह से चांदी को मिलेगा सपोर्ट?
- आईएमएफ से लेकर और विश्व बैंक तक मंदी की आशंका जता चुके हैं. रिसेशन के दौरान जिस तरह से सोरने को सेफ हैवन माना जाता है उसी तरह से चांदी को भी सेफ हैवन के तौर पर देखा जाता है.
- साल 2020 में जब पूरी दुनिया लॉकडाउन के दौर से गुजर रही थी और मंदी की आशंकाएं पुरजोर हो गई थी तो चांदी के दाम मार्च 2020 में 50 हजार से शुरू हो कर अगस्त में 80 हजार के करीब पहुंच गए थे. मतलब साफ है कि मंदी में निवेशकों के लिए सोने के साथ-साथ चांदी भी सच्चा साथी है.
- इंडस्ट्रीयल डिमांड में इजाफा भी चांदी की कीमत को बढ़ाने में कामयाब होंगे. चीन ने कोविड पॉलिसी में बदलाव करते हुए लॉकडाउन ईज कर दिया है. चीन मैन्युफैक्चरिंग हब है. पूरी दुनिया में चांदी की इंडस्ट्रीयल डिमांड सबसे ज्यादा होती है.
- ऑटो और इलेक्ट्रॉलिक सेक्टर साल 2023 में ज्यादा बूम कर सकते हैं. इन दोनों ही सेक्टर में चिप बनाने में चांदी का इस्तेमाल होता है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पूरी दुनिया में फोकस में है. ऐसे में चांदी का डिमांड होगी और दाम में भी इजाफा होगा.
- केंद्रीय बैंकों की ओर खरीद में भी इजाफा होने का अनुमान लगाया जा रहा है. जानकारों की मानें तो सोने के साथ—साथ इस साल दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सिल्वर की खरीद में इजाफा कर सकते हैं. जिसमें चीन, भारत और जापान के केंद्रीय बैंकों के नाम प्रमुख से लिए जा रहे हैं.
- जियो पॉलिटिकल टेंशन भी चांदी की डिमांड में इजाफा कर सकते हैं. रूस और यूक्रेन वॉर की वजह से निवेशकों का रुख सोने के साथ चांदी पर भी है. जिसकी वजह से बीते 15 दिनों से चांदी के दाम 70 हजार रुपये के आसपास बने हुए हैं.
- सोने की बढ़ती कीमतों का असर भी चांदी पर देखने को मिलेगा. वास्तव में दोनों मेटल्स ऐसे दौर में एक दूसरे को सपोर्ट करते हुए दिखाई देते हैं. मेटल्स सेक्टर में अगर सोने के दाम में इजाफा होता है तो साथ मेटल्स असेट के दूसरे प्रोडक्ट्स यानी सिल्वर और प्लैटिनम में भी तेजी देखने को मिलती है.
क्या कहते हैं जानकार?
कमोडिटी एक्सपर्ट और केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार चांदी के दाम में इस साल बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है. इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि इस साल जिस तरह मंदी की आशंकाएं चल रही है और चीन ने कोविड पॉलिसी को आसान किया है, उसकी वजह से चांदी के दाम में इजाफा देखने को मिल सकता है. उन्होंने कहा कि कई सेक्टर्स में चांदी का इस्तेमाल होता है. भारत में ज्वेलरी चांदी का यूज होता है. साल 2023 में चांदी के दाम एक लाख रुपये तक पहुंच सकता है.