भारत में दिपावली (Diwali) से 2 दिन पहले धनतेरस (Dhanteras) मनाया जाता है। इस दिन से दिवाली शुरू हो जाती है। समुद्र मंथन के दौरान धनतेरस के दिन ‘भगवान धनवंतरी’ अपने साथ अमृत का कलश और आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे। आयुर्वेद लेकर प्रकट होने से भगवान धनवतंरी को औषधि का जनक भी माना गया है। धनतेरस के दिन धन के देवता ‘भगवान कुबेर’ की पूजा होती भी है। इसलिए धनतेरस वाले दिन धन का लेन-देन या ख़रीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन जो भी सामान ख़रीदा जाए, उसमें 13 गुना बढ़ोतरी होती है। धनतेरस के दिन ख़रीदारी से पूरे साल घर में सौभाग्य बना रहता है।
धनतेरस (Dhanteras) के मौके पर सोना-चांदी के बाद पीतल के बर्तन को धनतेरस सबसे शुभ माना जाता है. पीतल के बर्तन को घर की पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। पीतल के बर्तन का अधिकतम इस्तेमाल पूजापाठ के कार्यों में किया जाता है। इसीलिए पीतल के बर्तन को बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन ‘लोहे’ से बने बर्तन या सामान ख़रीदना शुभ माना जाता है। स्टेनलैस स्टील हो या फिर स्टील इन दोनों का निर्माण लोहे से होता है. इसलिए अगर आप सोना चांदी नहीं ख़रीद पा रहे हैं, तो निराश न हों. इस ‘धनतेरस’ पर आप अपने किचन के लिए ‘स्टेनलैस स्टील’ के बर्तन ख़रीद सकते हैं. लोहे की कड़ाही में पका हुआ भोजन खाने से आयरन की पूर्ति होती है. धनतेरस (Dhanteras) के दिन ‘लोहे’ से बने बर्तन या सामान ख़रीदना शुभ माना जाता है। स्टेनलैस स्टील हो या फिर स्टील इन दोनों का निर्माण लोहे से होता है. इसलिए अगर आप सोना चांदी नहीं ख़रीद पा रहे हैं, तो निराश न हों. इस ‘धनतेरस’ पर आप अपने किचन के लिए ‘स्टेनलैस स्टील’ के बर्तन ख़रीद सकते हैं। लोहे की कड़ाही में पका हुआ भोजन खाने से आयरन की पूर्ति होती है. अगर आपकी जेब में पैसा बहुत है तो आप इस धनतेरस (Dhanteras) के मौके पर ‘प्लैटिनम’ भी ख़रीद सकते हैं. सोने और चांदी की तरह ही इसे भी शुभ माना जाता है। प्लैटिनम बेहद शुद्ध और दुर्लभ धातु मानी जाती है। इसकी सफ़ेद चमक सूर्य और चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करती है। हालांकि, प्लैटिनम बेहद महंगा होता है।
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