बोले-हमें नहीं मालूम कि कलेक्टर ने बिठाकर खिलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है
इन्दौर। शहर में बढ़ते कोरोना मरीजों (Corona Patients) को लेकर जिला प्रशासन ने स्टेट की गाइड लाइन (Guide Line) के हिसाब से होटलों (Hotels) और रेस्टारेंट (Restaurants) में ग्राहकों को बिठाकर खिलाने पर पाबंदी लगा दी थी और टेक अवे की सुविधा देने के लिए कहा था, लेकिन कल दोपहर तक सरवटे (Sarwate) क्षेत्र की होटलें खुली थीं और वहां ग्राहकों को बिठाकर खाना खिलाया जा रहा था। जब कुछ होटल संचालकों से बात की तो उनका कहना था कि हमें तो ऐसे किसी आदेश का पता ही नहीं।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट रूप से गुरूवार रात ही अपने आदेश में स्पष्ट कर दिया था कि कोई भी रेस्टारेंट या होटल ग्राहकों को बिठाकर खाना नहीं खिला सकेगा। फिर भी होटल और रेस्टारेंट मालिकों ने अपने- अपने हिसाब से आदेश को समझा और ग्राहकों को अंदर बैठकर खाना और नाश्ता परोसा। दरअसल आदेश में लिखा था कि 9 बजे बैठक कक्ष बंद करने के बाद 10 बजे तक टेक अवे की सुविधा दी जा सकेगी, लेकिन इसी आदेश में अलग से उल्लेख किया गया था कि ग्राहकों को बिठाकर नहीं खिला सकेंगे। इसी को लेकर सरवटे (Sarwate) बस स्टैंड क्षेेत्र की कई होटलें दोपहर तक खुली रहीं। अग्रिबाण की टीम जब वहां पहुंची तो होटलों में बैठकर ग्राहक खाना खा रहे थे। होटल श्रीलीला में भी यही चल रहा था। वहां काउंटर पर बैठे व्यक्ति ने कहा कि उन्हें तो ऐसा कोई आदेश ही नहीं मिला है। इसी तरह छोटी-छोटी होटलों में भी खाना परोसा गया, जबकि कोविड संक्रमण के कारण इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। जैन पूड़ी और मदनी होटल में भी ग्राहक खाना खाते हुए मिले। सभी का कहना था कि उन्हें प्रतिबंध की जानकारी नहीं है। मदनी होटल (Madni Hotel) में तो एक कैदी के साथ चार पुलिसवाले खाना खाते मिले जो कैदी को पेशी पर लाए थे। कैमरा देख एक पुलिसकर्मी ने कहा कि वे तो खाना खाने आए थे, लेकिन एक कैदी की इस तरह से खातिरपानी करने के सवाल पर वे लोग चुपचाप वहां से निकलकर रेलवे स्टेशन पहुंच गए।
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